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भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद ने एक बड़ा खुलासा किया है। विवेक सागर प्रसाद ने रविवार को कहा कि सेमीफाइनल में भारत को विश्व चैंपियन जर्मनी से 2-3 से हार का सामना करने के बाद वह पूरी रात सो नहीं सके थे, लेकिन देश इस निराशा से उबरते हुए पेरिस ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। भारत 44 साल बाद अपने पहले ओलंपिक फाइनल में जगह बनाने के बेहद करीब पहुंच गया था, लेकिन विश्व चैंपियन जर्मनी ने कड़े सेमीफाइनल में 3-2 से जीत दर्ज करके भारत को फाइनल में पहुंचने से रोक दिया था।
हालांकि, भारत ने जल्द ही इस झटके से उबरते हुए गुरुवार को तीसरे स्थान के प्लेऑफ मैच में स्पेन को 2-1 से हराकर ओलंपिक खेलों में अपना लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता। पेरिस से पहले टोक्यो ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे विवेक सागर प्रसाद ने कहा, ‘‘सेमीफाइनल में हार के बाद मैं सारी रात सो नहीं सका था। पूरी रात वह मैच मेरे दिमाग में रील की तरह घूमता रहा। हमारा दिल टूट गया और हम सोचते रहे कि हम क्या बेहतर कर सकते थे। हमने इस निराशा को पीछे छोड़ा और कांस्य जीता जो हमारे हाथ में था।’’
पेरिस से भोपाल पहुंचने पर 24 साल के इस खिलाड़ी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कांस्य पदक जीतना हमारे लिए अत्यधिक खुशी का क्षण था। हमने इसका भरपूर आनंद उठाया। हमने पदक (पीआर) श्रीजेश भाई को समर्पित किया, क्योंकि यह उनका आखिरी टूर्नामेंट था।’’नर्मदापुरम (पूर्व में होशंगाबाद) जिले के रहने वाले विवेक मध्य प्रदेश पुलिस में उप अधीक्षक पद पर तैनात हैं। यहां पहुंचने पर एयरपोर्ट पर मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में प्रशंसक और मध्य प्रदेश पुलिस के उनके साथी भी पहुंचे थे, जिन्होंने ढोल-नगाड़े बजाकर उनका स्वागत किया। मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है।
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