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जयशंकर बोले- व्यापार चर्चा और भारत-पाकिस्तान सीजफायर में संबंध नहीं: अमेरिकी उपराष्ट्रपति की PM मोदी से जब बात हुई, मैं भी उसी कमरे में था Today World News

जयशंकर बोले- व्यापार चर्चा और भारत-पाकिस्तान सीजफायर में संबंध नहीं:  अमेरिकी उपराष्ट्रपति की PM मोदी से जब बात हुई, मैं भी उसी कमरे में था Today World News

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वाशिंगटन डीसी2 मिनट पहले

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विदेश मंत्री जयशंकर अमेरिका दौरे पर हैं।

अमेरिका दौर पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार संबंधी चर्चा और भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बीच कोई संबंध नहीं है। न्यूजवीक मेगजीन के CEO देव प्रसाद के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने ये बात कही।

जयशंकर ने कहा- 9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी से बात की थी। मैं भी उस दौरान उसी कमरे में था। वेंस ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की योजना बना रहा है। पीएम मोदी ने इसकी परवाह न करते हुए कहा था- हमले का जवाब दिया जाएगा।

विदेश मंत्री ने कहा- अगली सुबह (10 मई) अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पीएम से संपर्क किया। कहा- पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से संपर्क किया और सीजफायर की रिक्वेस्ट की थी।

दरअसल, 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की सबसे पहली सूचना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने X पोस्ट के जरिए दी थी। ट्रम्प ने कई मौके पर कहा है कि भारत-पाकिस्तान को व्यापार न करने की धमकी दी थी, इसके बाद दोनों देश सीजफायर के लिए माने।

जयशंकर बोले- कूटनीति और व्यापार संबंधी चर्चा पूरी तरह से अलग

जयशंकर ने कहा- घटनाक्रम उस तरह से नहीं हुआ था। कूटनीति और व्यापार संबंधी चर्चा पूरी तरह से अलग हैं। मुझे लगता है कि व्यापार से जुड़े लोग वही कर रहे हैं जो उन्हें करना चाहिए, जैसे- नंबर, लाइनों, प्रोडक्ट्स और व्यापार समझौता। वे सभी इसके प्रोफेशनल हैं और फोकस्ड हैं।

जयशंकर ने कहा-

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भारत का रुख साफ है आतंकवादियों को किसी भी तरह से नहीं छोड़ा जाएगा। अब उन्हें प्रॉक्सी को तौर पर नहीं देखा जाएगा। आतंकियों को पालने वाली सरकारों को नहीं बख्शेंगे।

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जयशंकर बोले- पहलगाम अटैक सोचा समझा आर्थिक युद्ध था

चर्चा के दौरान जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सोचा समझा आर्थिक युद्ध था। इसका मकसद कश्मीर में पर्यटन उद्योग को बर्बाद करना था। यह हमला पर्यटन पर हमला था, जो कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

आतंकी चाहते थे कि लोग डरें, पर्यटक न आएं और घाटी का आर्थिक ढांचा टूट जाए। हमलावरों ने धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को अलग किया और फिर हत्या की, ताकि सांप्रदायिक तनाव फैल सके।

कार्यक्रम में भारतीय मूल के कई लोग शामिल हुए। इनमें उद्योग जगत से जुड़े हुए कई लोग भी शामिल थे।

कार्यक्रम में भारतीय मूल के कई लोग शामिल हुए। इनमें उद्योग जगत से जुड़े हुए कई लोग भी शामिल थे।

जयशंकर बोले- भारत अब न्यूक्लियर हथियारों की धमकी से डरने वाला नहीं

जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद का भारत करारा जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भारत अब न्यूक्लियर हथियारों की धमकी से डरने वाला नहीं हैं।

जयशंकर ने कहा- अब यह डर दिखाने का वक्त चला गया है कि दोनों देश परमाणु ताकतें हैं इसलिए भारत को संयम बरतना चाहिए। अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम भी जवाब देंगे और सीधा उनपर जो हमला करते हैं। न आतंकियों को छूट मिलेगी, न उनके आका सुरक्षित रहेंगे।

7 मई: डोनाल्ड ट्रंप ने फिर भारत-पाकिस्तान सीजफायर का क्रेडिट लिया

ईरान जंग रुकवाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध खत्म करवाने के संकेत थे। इसके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का भी क्रेडिट लिया था।

उन्होंने कहा था कि मैंने अपने अधिकारियों से दोनों देशों के साथ सभी समझौते रद्द करने के लिए कहकर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोक दिया था। सभी ने देखा कि भारत-पाकिस्तान एक बड़ी जंग के कगार पर थे।

दोनों के पास परमाणु ताकत है। मैंने दोनों को धमकी दी कि अगर जंग नहीं रुकी तो अमेरिका दिल्ली और इस्लामाबाद के साथ व्यापार नहीं करेगा। तब जाकर दोनों लड़ाई रोकने के लिए राजी हुए।

10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था

22 अप्रैल को पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने 6-7 मई की आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की। सिर्फ 25 मिनट चले ऑपरेशन में 7 शहरों में 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया।

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक एकदूसरे पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को सीजफायर हुआ था। ट्रम्प ने सबसे पहले अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी थी। तब से वे 15 बार से ज्यादा बार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म कराने का दावा कर चुके हैं।

हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि सीजफायर पर सहमति भारत-पाकिस्तान के सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद हुई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने कई बार राष्ट्रपति ट्रम्प को सीजफायर का क्रेडिट दिया है।

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