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बिहार विधानसभा 2025 के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. वह एनडीए का हिस्सा है और इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू बराबर सीटों पर लड़ाई लड़ेंगी. नीतीश कुमार इस बार भी पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं. नीतीश को लेकर कई किस्से चर्चित रहे हैं, लेकिन कुछ बातें ऐसी भी हैं जो अधिकतर लोग नहीं जानते. इसी तरह का एक किस्सा 1985 के विधानसभा चुनाव का है.
दरअसल नीतीश 1985 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरे थे. इस चुनाव से पहले उन्होंने अपनी पत्नी मंजू से 20 हजार रुपए लिए थे. मामला यह था कि नीतीश के लिए यह चुनाव सफल होने या फिर सब कुछ छोड़ देने का सवाल बन गया था. उन्होंने चुनाव से पहले अपनी पत्नी को वचन दिया था कि अगर हार गए तो राजनीति छोड़ देंगे.
नीतीश ने पत्नी से क्यों लिए थे पैसे
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक संकर्षण ठाकुर ने किताब (सिंगल मैन: द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ नीतीश कुमार ऑफ बिहार) नीतीश को लेकर कई बातों का जिक्र किया है. उन्होंने किताब में बताया, नीतीश ने यह वादा किया था कि अगर चुनाव हार गए तो राजनीति छोड़कर कोई पारंपरिक काम शुरू करेंगे. नीतीश के इस वादे के बाद उनकी पत्नी ने चुनाव प्रचार के लिए 20 हजार रुपए दिए थे. यह राशि करीब-करीब उस रकम के बराबर थी, जिसका नीतीश ने विरोध किया था.
गुंडों का क्यों लेना पड़ा सहारा
किताब में जिक्र है कि इस चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के लिए काम करने वाले आदमियों ने कुछ गुंडों को पकड़ लिया था और उन्हें बूथों की रखवाली का काम सौंपा था. यह दंड भेद वाला चुनाव था, जिसमें सब कुछ चल रहा था.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में पूरा होगा. पहला चरण 6 नवंबर को आयोजित होगा. वहीं दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा. इसके बाद 14 नवंबर रिजल्ट घोषित होगा.
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जब चुनाव लड़ने के लिए नीतीश कुमार ने पत्नी से लिए 20 हजार रुपए, गुंडो की क्यों ली थी मदद?


