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न्यायालय ने कहा था कि दूसरे चरण की निगरानी कोई और नहीं बल्कि प्रधान न्यायाधीश ही करते हैं। यदि प्रधान न्यायाधीश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा व्यक्त किए गए इस विचार से सहमत होते हैं कि गहन जांच की आवश्यकता है, तो वह ‘‘तीन सदस्यीय समिति’’ का गठन करेंगे, और इस प्रकार जांच प्रक्रिया को दूसरे चरण में ले जाएंगे।
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जज के घर कैश: चीफ जस्टिस ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया, कदाचार साबित होने पर होंगे गंभीर नतीजे
