छात्र के साथ मारपीट करने और जाति बोधक शब्द बोलने वाले प्रिंसिपल पर गिरी गाज


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एक माह पहले छात्र के साथ मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने और जाति बोधक शब्द कहने के मामले में भुस्थला सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर गाज गिरी है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, 15 दिन पहले विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने इस मामले की जांच करने पहुंचे थे। इस मामले की छानबीन में आरोपी प्रिंसिपल दोषी पाया गया, जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है।
प्रिंसिपल को जिला मुख्यालय को सूचित किए बिना कुरुक्षेत्र छोड़ने की भी अनुमति नहीं है। वहीं अब विभागीय जांच के बाद प्रिंसिपल पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकने लगी है, क्योंकि छात्र की शिकायत पर उक्त प्रिंसिपल के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी और जाति बोधक शब्द कहने के आरोप में थाना झांसा में मामला दर्ज है।
इस मामले के अलावा स्कूल के तीन शिक्षकों ने भी प्रिंसिपल के खिलाफ विभाग और पुलिस को जातीय भेदभाव व प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर शिकायत दी थी। शिक्षकों ने प्रिंसिपल पर बगैर किसी वजह के उनकी एपीएआर (अपार) खराब करने का आरोप भी लगाया था। इन सब मामलों की जांच विभिन्न अधिकारियों द्वारा की गई थी।
यहां बता दें थाना झांसा पुलिस को दी अपनी शिकायत में आशीष वासी मेघा माजरा ने बताया कि भुस्तला के सरकारी स्कूल 10वीं कक्षा का छात्र है। 13 मई की सुबह करीब साढ़े सात वह अपने चचेरे भाई अभिषेक को स्कूल छोड़ने के लिए गया था। उस दिन उसका स्कूल में 11वीं कक्षा पेपर था। उसे स्कूल छोड़ने के बाद वह गेट से वापस जाने लगा तो स्कूल प्रिंसिपल ने उसके साथ गाली-गलौज और जाति बोधक शब्द बोलते हुए स्कूल में अंदर घसीट लिया था। विरोध करने पर प्रिंसिपल ने पुलिस और उसकी मां को स्कूल बुलाया था। तब भी उक्त प्रिंसिपल ने उसके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की तथा दूसरे कमरे में ले जाकर उस पर दबाव बना स्कूल के अन्य तीन शिक्षकों के खिलाफ शिकायत लिखवा कर उसके हस्ताक्षर करा लिए थे। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।
जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि भुस्तथा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित करने के आदेश मिले हैं। प्रिंसिपल के खिलाफ कई प्रकार के मामलों की विभागीय जांच चल रही थी। प्रिंसिपल को निलंबित किया गया इसकी चार्जशीट उन्हें नहीं मिली है। विभाग से निलंबन के आदेश मिलने के बाद उनको विभाग के जिला मुख्यालय को सूचित किए बिना शहर छोड़ने की इजाजत भी नहीं है।

एक माह पहले छात्र के साथ मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने और जाति बोधक शब्द कहने के मामले में भुस्थला सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर गाज गिरी है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, 15 दिन पहले विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने इस मामले की जांच करने पहुंचे थे। इस मामले की छानबीन में आरोपी प्रिंसिपल दोषी पाया गया, जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है।

प्रिंसिपल को जिला मुख्यालय को सूचित किए बिना कुरुक्षेत्र छोड़ने की भी अनुमति नहीं है। वहीं अब विभागीय जांच के बाद प्रिंसिपल पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकने लगी है, क्योंकि छात्र की शिकायत पर उक्त प्रिंसिपल के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी और जाति बोधक शब्द कहने के आरोप में थाना झांसा में मामला दर्ज है।

इस मामले के अलावा स्कूल के तीन शिक्षकों ने भी प्रिंसिपल के खिलाफ विभाग और पुलिस को जातीय भेदभाव व प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर शिकायत दी थी। शिक्षकों ने प्रिंसिपल पर बगैर किसी वजह के उनकी एपीएआर (अपार) खराब करने का आरोप भी लगाया था। इन सब मामलों की जांच विभिन्न अधिकारियों द्वारा की गई थी।

यहां बता दें थाना झांसा पुलिस को दी अपनी शिकायत में आशीष वासी मेघा माजरा ने बताया कि भुस्तला के सरकारी स्कूल 10वीं कक्षा का छात्र है। 13 मई की सुबह करीब साढ़े सात वह अपने चचेरे भाई अभिषेक को स्कूल छोड़ने के लिए गया था। उस दिन उसका स्कूल में 11वीं कक्षा पेपर था। उसे स्कूल छोड़ने के बाद वह गेट से वापस जाने लगा तो स्कूल प्रिंसिपल ने उसके साथ गाली-गलौज और जाति बोधक शब्द बोलते हुए स्कूल में अंदर घसीट लिया था। विरोध करने पर प्रिंसिपल ने पुलिस और उसकी मां को स्कूल बुलाया था। तब भी उक्त प्रिंसिपल ने उसके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की तथा दूसरे कमरे में ले जाकर उस पर दबाव बना स्कूल के अन्य तीन शिक्षकों के खिलाफ शिकायत लिखवा कर उसके हस्ताक्षर करा लिए थे। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।

जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि भुस्तथा सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित करने के आदेश मिले हैं। प्रिंसिपल के खिलाफ कई प्रकार के मामलों की विभागीय जांच चल रही थी। प्रिंसिपल को निलंबित किया गया इसकी चार्जशीट उन्हें नहीं मिली है। विभाग से निलंबन के आदेश मिलने के बाद उनको विभाग के जिला मुख्यालय को सूचित किए बिना शहर छोड़ने की इजाजत भी नहीं है।

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