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छह साल से जनवरी में बाजार में गिरावट का ट्रेंड: वजह- विदेशी निवेशकों ने की भारी बिकवाली, 2024 में इक्विटी निवेशक 27% बढ़े Business News & Hub

छह साल से जनवरी में बाजार में गिरावट का ट्रेंड:  वजह- विदेशी निवेशकों ने की भारी बिकवाली, 2024 में इक्विटी निवेशक 27% बढ़े Business News & Hub

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मुंबई15 घंटे पहले

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पिछले 6 साल से जनवरी महीने में शेयर बाजार में अमूमन गिरावट का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। बीते 10 साल में 7 मौकों पर जनवरी में निफ्टी नुकसान में रहा है। यह गिरावट मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली के चलते देखी गई। 2015 से लेकर 2024 के बीच 6 बार विदेशी निवेशक नेट सेलर्स रहे हैं। पिछले 10 साल जनवरी में निफ्टी का औसत रिटर्न 0.38% रहा है।

विदेशी निवेशकों ने बीते 3 साल जनवरी में पैसे निकाले पिछले 3 वर्षों में FII ने जनवरी में भारतीय शेयर बाजार से 87,899 करोड़ रुपए निकाले। इससे पहले जनवरी 2016, 2017 और 2019 में भी FII नेट सेलर्स थे। हालांकि 2015, 2018, 2020 और 2021 के जनवरी में इन्होंने भारतीय शेयर में खरीदारी की थी।

घरेलू संस्थाओं ने 10 में से 7 साल निवेश बढ़ाया डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) जनवरी में 10 में से 7 मौकों पर खरीदार रहे। बीते 3 साल जनवरी में इन्होंने 87,899 करोड़ रुपए लगाए हैं। हालांकि 2015, 2020 और 2021 के जनवरी में ये नेट सेलर्स थे। वहीं, 2016 से 2019 तक 4 साल इन्होंने जनवरी में खरीदारी की।

साल के पहले दिन सेंसेक्स में 400 अंक की बढ़त, निफ्टी में 100 अंक की तेजी शेयर बाजार में आज साल के पहले दिन (1 जनवरी) बढ़त देखने को मिल रही है। सेंसेक्स करीब 400 अंक की बढ़त के साथ 78,650 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं निफ्टी में भी 100 अंक से ज्यादा की तेजी है, ये 23,750 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

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शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में तेजी और 5 में गिरावट देखने को मिल रही है। आज ऑटो और IT शेयर्स में बढ़त है। वहीं एनर्जी और मेटल शेयर्स में गिरावट देखने को मिल रही है।

2024 में 27% बढ़े इक्विटी निवेशक नए निवेशकों के लिहाज से 2024 बेहद शानदार रहा है। इस दौरान बाजार ने कई कीर्तिमान रचे। बीते साल रिटेल निवेशक सालाना आधार पर 27% बढ़कर 11 करोड़ के करीब पहुंच गए। महाराष्ट्र और यूपी में निवेशकों की संख्या पहली बार 1 करोड़ पार निकल गई।

हालांकि महिला निवेशकों की भागीदारी उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। कुल निवेशकों में इनकी हिस्सेदारी महज 24% रही, जो साल 2023 में 23% थी। मार्केट में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 438.9 लाख करोड़ रुपए (5.13 ट्रिलियन डॉलर) था। यह बीते साल 361.1 लाख करोड़ था। यानी लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 21.5% बढ़ा।

  • दुनिया में चार में से एक कंपनी भारत में लिस्ट हुई : कैलेंडर वर्ष 2024 में नवंबर तक ग्लोबल लेवल पर नई लिस्ट होने वाली कंपनियों ने NSE पर लिस्ट होने वाली कंपनियों की हिस्सेदारी 23% रही।
  • एक साल में 27% निवेशक बढ़े, 11 करोड़ के करीब पहुंचे : निवेशकों की संख्या अगस्त 2024 में 10 करोड़ को पार कर गई। इसमें अंतिम एक करोड़ सिर्फ पांच महीनों में जुड़े। दिसंबर में यह आंकड़ा 10.9 करोड़ रहा। सालाना आधार पर 27% निवेशक बढ़े।
  • औसत निवेशक उम्र 35.8 वर्ष, महिला निवेशक सिर्फ 1% बढ़ीं : नवंबर 2024 तक निवेशकों की औसत उम्र घटकर 36 वर्ष रह गई। यह चार साल पहले 41 वर्ष थी। नवंबर 2024 तक कुल निवेशकों में महिलाओं की संख्या 24% हो गई। यह नवंबर 2023 में 23% थी।
  • पहली बार SME कंपनियों का एम कैप 2 लाख करोड़ पार पहुंचा : NSE इमर्ज (SME) पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 2.2 लाख करोड़ रुपए (26 अरब डॉलर) था। NSE पर 2024 में कुल 301 कंपनियां लिस्ट हुईं। इनमें मेनबोर्ड पर 90 और NSE इमर्ज (SME) 178 कंपनियां लिस्ट हुईं।
  • कुल मार्केट कैप में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 17.6% हुई : रिटेल निवेशकों के पास सितंबर 2024 तक NSE-लिस्टेड मार्केट कैप का 17.6% हिस्सा था। मार्च 2014 में यह 10.9% था। बीते 10 वर्ष में रिटेल होल्डिंग्स 25% की सालाना कम्पाउंडेड रेट (CAGR) से बढ़ी है। मार्च 2014 के 7.9 लाख करोड़ रुपए से 10 गुना से ज्यादा बढ़कर सितंबर 2024 तक 82.5 लाख करोड़ हो गई।
  • घरेलू निवेशकों को 2024 में 13 लाख करोड़ का मुनाफा हुआ : शेयर बाजार के घरेलू निवेशकों को कैलेंडर वर्ष 2024 में लगभग 13.2 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ। पिछले तीन 2022-24 में इनके निवेश का मूल्य 28 लाख करोड़ रुपए बढ़ा।

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