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च्यवनप्राश-आयुर्वेद की अमर विरासत: यह जीवन शक्ति को बढ़ाने का प्राकृतिक स्रोत; इम्युनिटी और मेमोरी भी बढ़ाता है Business News & Hub

च्यवनप्राश-आयुर्वेद की अमर विरासत:  यह जीवन शक्ति को बढ़ाने का प्राकृतिक स्रोत; इम्युनिटी और मेमोरी भी बढ़ाता है Business News & Hub

नई दिल्ली1 घंटे पहले

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सदियों से हमारे पूर्वजों की आयुर्वेदिक विरासत में च्यवनप्राश को अजेय अमृत माना जाता है। यह न सिर्फ एक स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक है, बल्कि जीवन शक्ति (ओजस्) को बढ़ाने का प्राकृतिक स्रोत भी है। आज जब आधुनिक विज्ञान स्वास्थ्य को समझने की नई-नई कोशिशें कर रहा है, तब भी च्यवनप्राश की महत्ता और उसकी गहराई उतनी ही मजबूत बनी हुई है।

प्राचीन चरकसंहिता जैसी ग्रंथों में इसे पहला रसायन बताया गया है जो न केवल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है, बल्कि इम्यूनिटी, स्मरण शक्ति, सहनशक्ति, श्वसन तंत्र की रक्षा, और पाचन को भी बेहतर बनाता है। आयुर्वेद के अनुसार यह तीनों दोष—वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है, जो हमारे शरीर की सभी क्रियाओं की आधारशिला हैं।

40 से ज्यादा जड़ी-बूटियों से बनता है च्यवनप्राश

च्यवनप्राश आयुर्वेदिक परंपरा का एक विशेष और आधुनिक रूप है, जिसे आज की जांच-परख और गुणवत्ता मानकों के साथ तैयार किया जाता है। च्यवनप्राश का मूल आधार आंवला है, जो गैलिक एसिड, फ्लावोनोइड्स और शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है।

इसके साथ ही इसमें अश्वगंधा, पिपली, गिलोय और लगभग 40 से अधिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं जो शरीर को हानिकारक पदार्थों से मुक्त रखने में मदद करती है।महत्वपूर्ण सामग्री जैसे घी, तिल का तेल, शहद और शक्कर योगवाहक का कार्य करती हैं। अर्थात जड़ी-बूटियों के गुणों को शरीर के भीतर गहराई तक पहुंचाने में मदद करती हैं।

बाजार में च्यवनप्राश के कई प्रकार उपलब्ध हैं जो स्वास्थ्य लाभ के दावे करते हैं। इन्हीं निर्माताओं में डाबर भी एक विश्वसनीय और पुराना नाम माना जाता है, जिसने लगभग 140 वर्षों से आयुर्वेदिक उत्पादों के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए रखी है।

यह ब्रांड प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़कर हर घर तक स्वस्थ जीवन पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इस च्यवनप्राश में प्रमुख रूप से आंवले की उपयोगिता होती है, जो इसे शक्तिशाली और प्रभावी बनाती है।

आधुनिक विज्ञान की दृष्टि से च्यवनप्राश

अब बात करें आधुनिक विज्ञान की, तो च्यवनप्राश में पाए जाने वाले घटक शरीर की इम्यूनिटी को सशक्त बनाते हैं। यह IGG और IGM एंटीबॉडीज की संख्या बढ़ाता है, जो लंबे समय तक शरीर को संक्रमणों से बचाते हैं। साथ ही, एलर्जी से जुड़े IGE और हिस्टामिन के स्तर को कम करता है, जिससे एलर्जी से जुड़ी समस्याएं घटती हैं।

नेचुरल किलर सेल्स की सक्रियता बढ़ाकर यह शरीर की रक्षा शक्ति को और मजबूत करता है। वहीं, TNF-α और IL-1β जैसे इम्यून संकेतकों में वृद्धि इसे एक भरोसेमंद और प्रभावी रोग-प्रतिरोधक टॉनिक बनाती है।

इसके साथ, यह पूरा मिश्रण शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़ने वाला एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट बन जाता है। इससे उम्र बढ़ने की गति धीमी होती है और त्वचा में स्वाभाविक निखार आता है।

च्यवनप्राश सिर्फ एक आयुर्वेदिक औषधि नहीं, बल्कि हर परिवार के लिए रोज की सेहत का भरोसेमंद साथी है। यह आपकी दैनिक जीवनशैली में ऊर्जा, ताकत और संपूर्ण स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। इसकी जड़ी-बूटियों, पारंपरिक निर्माण विधि और वैज्ञानिक प्रमाणों का अनोखा संगम आपके शरीर को लंबे समय तक फिट, जवान और रोगों से सुरक्षित रखने में सहायक होता है।

इसलिए आज ही अपने घर की स्वास्थ्य रक्षा के लिए डाबर च्यवनप्राश को अपनाएं और प्राचीन आयुर्वेद की वैज्ञानिक शक्ति से लाभ उठाएं।


Source: https://www.bhaskar.com/business/news/the-ayurvedic-tradition-of-chyavanprash-136575309.html

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