चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में एक साल में बढ़े 1000 विद्यार्थी


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सिरसा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कार्यकारी परिषद की बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता वीसी प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने की। इस बैठक में जहां एक ओर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर चर्चा हुई वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर खुशी व्यक्त की गई। इसके अलावा विभिन्न संस्थानों के साथ हुए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग) करवाए जाने को लेकर भी फैसले हुए। एक प्राध्यापक की पदोन्नति को भी मंजूरी मिली। इतना ही नहीं पदोन्नति मिलने के बाद फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बाद कर्मचारी को पढ़ने की अनुमति भी दी गई। लेकिन इसके विपरीत एक सदस्य ने फर्जी डिग्री पेश करने को लेकर कार्रवाई की भी मांग की।
सीडीएलयू में कार्यकारी परिषद की 68वीं बैठक हुई। कमेटी रूम में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए वीसी ने सभी का स्वागत किया गया और चर्चा शुरू की। इस दौरान बताया गया कि विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष विद्यार्थियों की संख्या करीब 3500 थी। जो इस वर्ष बढ़कर करीब 4500 तक पहुंच गई है। इस पर कुलपति ने प्रशंसा की और भविष्य में और भी प्रयास करने के लिए कहा। इस दौरान एक प्राध्यापक को पदोन्नति दिए जाने को लेकर मंजूरी दी गई। इतना ही नहीं एक अन्य अहम फैसला लिया गया। सीडीएलयू में वर्ष 2016 से पहले जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, उन्हें 7वें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल रहा था, इसलिए अब उन्हें भी पेंशन में ये लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं सीडीएलयू की ओर से एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। अब सीडीएलयू कैंपस में डे केयर सेंटर बनेगा, इसके लिए गाइडलाइन को मंजूरी दी गई। सीडीएलयू की ओर से जल्द ही अमर उजाला फाउंडेशन के साथ एमओयू किया जाएगा। अमर उजाला फाउंडेशन टॉपर विद्यार्थी को 10 हजार रुपये का इनाम देकर सम्मानित करेगा। इसके अलावा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ भी एमओयू किया जा रहा है। इतना ही नहीं जननायक फाउंडेशन पिहोवा, कुरुक्षेत्र के साथ भी एमओयू पर विचार चल रहा है। इसके अलावा सीडीएलयू और महात्मा गांधी नेशनल काउंसिल के साथ भी एमओयू पर फैसला लिया गया।
पदोन्नति पा चुके कर्मचारी को अब दी पढ़ने की अनुमति, फर्जी डिग्री पर कार्रवाई की उठी मांग
करीब दो वर्ष पहले सीडीएलयू के एक अधिकारी ने मास्टर डिग्री के आधार पर पदोन्नति पा ली। तय हुआ कि डिग्री का सत्यापन बाद में करवा लिया जाएगा। लेकिन जब सत्यापन करवाया तो संबंधित यूनिवर्सिटी ने इन्कार कर दिया। यानी साबित हो गया कि डिग्री फर्जी है और धोखाधड़ी की गई है। लेकिन इसके बावजूद ईसी में मुद्दा लाया गया कि उक्त अधिकारी को मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी करने के लिए वर्ष 2024 तक का समय दे दिया जाए और मंजूरी भी दे दी गई। लेकिन इसी दौरान कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने मांग उठाई कि फर्जी डिग्री पेश करने पर उक्त अधिकारी के खिलाफ नियम अनुसार न केवल कार्रवाई हो बल्कि एफआईआर भी करवाई जाए। इतना ही नहीं जब डिग्री ही नकली निकल गई तो पदोन्नति भी रद्द होनी चाहिए। बेशक, बाद में पढ़ाई करे तो उस आधार पर पदोन्नति भी मिले।
कार्यकारी परिषद की बैठक शांतिपूर्वक तरीके से हो गई। इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और मंथन के बाद फैसले लिए गए। कई संस्थानों के साथ एमओयू किए गए हैं जबकि ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इसके अलावा विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर कुलपति महोदय ने खुशी व्यक्त की। एक प्राध्यापक को पदोन्नति दी गई है जबकि अन्य फैसले भी लिए गए हैं।
-डॉ. राजेश बांसल, रजिस्ट्रार, सीडीएलयू, सिरसा।

सिरसा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कार्यकारी परिषद की बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता वीसी प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने की। इस बैठक में जहां एक ओर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर चर्चा हुई वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर खुशी व्यक्त की गई। इसके अलावा विभिन्न संस्थानों के साथ हुए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग) करवाए जाने को लेकर भी फैसले हुए। एक प्राध्यापक की पदोन्नति को भी मंजूरी मिली। इतना ही नहीं पदोन्नति मिलने के बाद फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बाद कर्मचारी को पढ़ने की अनुमति भी दी गई। लेकिन इसके विपरीत एक सदस्य ने फर्जी डिग्री पेश करने को लेकर कार्रवाई की भी मांग की।

सीडीएलयू में कार्यकारी परिषद की 68वीं बैठक हुई। कमेटी रूम में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए वीसी ने सभी का स्वागत किया गया और चर्चा शुरू की। इस दौरान बताया गया कि विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष विद्यार्थियों की संख्या करीब 3500 थी। जो इस वर्ष बढ़कर करीब 4500 तक पहुंच गई है। इस पर कुलपति ने प्रशंसा की और भविष्य में और भी प्रयास करने के लिए कहा। इस दौरान एक प्राध्यापक को पदोन्नति दिए जाने को लेकर मंजूरी दी गई। इतना ही नहीं एक अन्य अहम फैसला लिया गया। सीडीएलयू में वर्ष 2016 से पहले जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, उन्हें 7वें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल रहा था, इसलिए अब उन्हें भी पेंशन में ये लाभ मिल सकेगा। इतना ही नहीं सीडीएलयू की ओर से एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। अब सीडीएलयू कैंपस में डे केयर सेंटर बनेगा, इसके लिए गाइडलाइन को मंजूरी दी गई। सीडीएलयू की ओर से जल्द ही अमर उजाला फाउंडेशन के साथ एमओयू किया जाएगा। अमर उजाला फाउंडेशन टॉपर विद्यार्थी को 10 हजार रुपये का इनाम देकर सम्मानित करेगा। इसके अलावा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ भी एमओयू किया जा रहा है। इतना ही नहीं जननायक फाउंडेशन पिहोवा, कुरुक्षेत्र के साथ भी एमओयू पर विचार चल रहा है। इसके अलावा सीडीएलयू और महात्मा गांधी नेशनल काउंसिल के साथ भी एमओयू पर फैसला लिया गया।

पदोन्नति पा चुके कर्मचारी को अब दी पढ़ने की अनुमति, फर्जी डिग्री पर कार्रवाई की उठी मांग

करीब दो वर्ष पहले सीडीएलयू के एक अधिकारी ने मास्टर डिग्री के आधार पर पदोन्नति पा ली। तय हुआ कि डिग्री का सत्यापन बाद में करवा लिया जाएगा। लेकिन जब सत्यापन करवाया तो संबंधित यूनिवर्सिटी ने इन्कार कर दिया। यानी साबित हो गया कि डिग्री फर्जी है और धोखाधड़ी की गई है। लेकिन इसके बावजूद ईसी में मुद्दा लाया गया कि उक्त अधिकारी को मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी करने के लिए वर्ष 2024 तक का समय दे दिया जाए और मंजूरी भी दे दी गई। लेकिन इसी दौरान कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने मांग उठाई कि फर्जी डिग्री पेश करने पर उक्त अधिकारी के खिलाफ नियम अनुसार न केवल कार्रवाई हो बल्कि एफआईआर भी करवाई जाए। इतना ही नहीं जब डिग्री ही नकली निकल गई तो पदोन्नति भी रद्द होनी चाहिए। बेशक, बाद में पढ़ाई करे तो उस आधार पर पदोन्नति भी मिले।

कार्यकारी परिषद की बैठक शांतिपूर्वक तरीके से हो गई। इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और मंथन के बाद फैसले लिए गए। कई संस्थानों के साथ एमओयू किए गए हैं जबकि ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इसके अलावा विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर कुलपति महोदय ने खुशी व्यक्त की। एक प्राध्यापक को पदोन्नति दी गई है जबकि अन्य फैसले भी लिए गए हैं।

-डॉ. राजेश बांसल, रजिस्ट्रार, सीडीएलयू, सिरसा।

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