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Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की चर्चा तेज है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जेएमएम के 6 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इन्हीं चर्चाओं के बीच चंपई सोरेन रविवार (18 अगस्त) को राजधानी दिल्ली पहुंचे.
पूर्व सीएम चंपई सोरेन से पत्रकारों ने जब बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने से जुड़ा सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘मैं अपने निजी काम के लिए दिल्ली आया हूं. मेरे बच्चे यहां रहते हैं, उनसे मिलने आया हूं. इसलिए दिल्ली आना-जाना लगा रहता है. इसी वजह से आज भी दिल्ली आया हूं.’
बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर क्या बोले?
बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर चंपई सोरेन ने मीडिया के सामने एक बार फिर दोहराया, ‘अभी मैं जहां पर हूं, वहीं हूं.’ कोलकाता में बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात के सवाल पर चंपई सोरेन ने कहा, ‘मेरी कोलकाता में किसी से मुलाकात नहीं हुई है. मैं निजी काम से दिल्ली आया हूं. बाद में आप लोगों को बताउंगा.’
एक बात और, यह मेरा निजी संघर्ष है इसलिए इसमें पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने अथवा संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं है। जिस पार्टी को हमने अपने खून-पसीने से सींचा है, उसका नुकसान करने के बारे में तो कभी सोच भी नहीं सकते।
लेकिन, हालात ऐसे बना दिए…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
X से हटाया जेएमएम का नाम
दरअसल, चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का नाम हटा दिया है. वहीं, उनके पैतृक गांव स्थित घर से भी पार्टी का झंडा हटाया गया है.
चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि झारखंड सरकार को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चंपई दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हालांकि, हेमंत सोरेन ग्रुप इसे टालने की पूरी कोशिश करेगा और अन्य परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं.
जोहार साथियों,
आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
क्यों हुआ मतभेद?
बताया गया कि हेमंत सोरेन के बाहर आते ही चंपई सोरेन ने सीएम पद को छोड़ दिया और मुख्यमंत्री की गद्दी हेमेंत सोरेन को सौंप दी. सूत्रों की मानें तो चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहने से वो काफी नाराज हुए थे. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसमें उन्होंने अपने बेटे को आगामी विधानसभा चुनावों में घाटशिला सीट से अपना उम्मीदवार बनाए जाने की बात कही थी. सूत्रों की मानें तो तब चंपई सोरेन ने कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने से लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा क्योंकि राज्य में साल के अंत में चुनाव होने हैं.
X पर किया पोस्ट
रविवार (18 अगस्त) को चंपई सोरेन ने X पर एक लंबा पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘क्या लोकतंत्र में इस से अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? अपमान का यह कड़वा घूंट पीने के बावजूद मैंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण सुबह है, जबकि दोपहर में विधायक दल की बैठक होगी, तो वहां से होते हुए मैं उसमें शामिल हो जाऊंगा. लेकिन, उधर से साफ इंकार कर दिया गया.’
उन्होंने लिखा, ‘पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था. मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता. इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया.’
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