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Elon Musk On DeepSeek AI: सस्ती एआई R1 लाकर दुनिया के बड़े टेक जाएंट माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, मेटा, एनवीडिया और ओपन एआई की नींव हिला देने वाली चीन स्टार्टअप DeepSeek के दावों को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. यहां तक कि DeepSeek के तकनीकी दावों पर धोखाधड़ी करने के आरोप तक लग रहे हैं. कम लागत पर ओपन सोर्स एआई देने का दावा एआई कम्यूनिटी में विवाद बन गया है. इस विवाद में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भी कूद पड़े हैं.
उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि DeepSeek ने अपने एआई में संभवतः 50,000 एनवीडिया हूपर जीपीयू का उपयोग किया है. यह DeepSeek के 10,000 ए100एस जीपीयू यूज करने के दावों के खिलाफ है. स्केल एआई के अरबपति सीईओ अलेक्जेंडर वांग ने भी दावा किया है कि DeepSeek के एआई बनाने में निश्चित रूप से एनवीडिया एच100 जीपीयू तकनीक का उपयोग हुआ है. एलन मस्क ने भी DeepSeek के खिलाफ अलेक्जेंडर वांग के इसी आरोप के समर्थन में एक्स पर अपनी भावनाएं पोस्ट की है.
DeepSeek ने दो महीने में तैयार कर लिया नया एआई मॉडल
चीनी स्टार्टअप DeepSeek का दावा है कि उसे ओपन सोर्स एआई मॉडल तैयार करने में केवल दो महीने लगे हैं. वहीं इस पर लागत भी छह मिलियन डॉलर से कम की आई है. वहीं DeepSeek का यह भी दावा है कि एनवीडिया के कम पावरफुल जीपीयू H800 का उपयोग किया गया है.
कम लागत पर भी उठ रहे सवाल
सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में बर्नस्टीन एनालिस्ट स्टेसी रासगन कहते हैं कि DeepSeek पांच मिलियन डॉलर से कम में तो ओपन एआई बना ही नहीं सकता है. रासगन कहते हैं कि वे इस रीजनिंग मॉडल को पांच मिलियन डॉलर से कम में ट्रेन ही नहीं कर सकते हैं. इसलिए ओपन सोर्स एआई बनाने में छह मिलियन डॉलर से कम के खर्च के दावों पर भरोसा करना मुश्किल है. रासगन कहते हैं कि DeepSeek ने एक अच्छा मॉडल डेवलप किया है. लेकिन ये चीजें अब आश्चर्य नहीं हैं. दुनिया के कई लैब इस पर काम कर रहे हैं और एआई कम्यूनिटी के लिए यह अज्ञात चीज नहीं है.
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