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चीन की लीडिंग प्राइवेट स्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने 3 दिसंबर 2025 को अपना पहला रीयूजेबल रॉकेट ZQ-3 Y1 लॉन्च किया। रॉकेट ने सफलतापूर्वक ऑर्बिट हासिल कर ली, लेकिन फर्स्ट स्टेज बूस्टर की लैंडिंग के दौरान खराबी आ गई। ये रिकवरी साइट के ऊपर फायरबॉल बनकर फट गया।
यह चीन का पहला ऐसा प्रयास था जहां रीयूजेबल रॉकेट को ऑर्बिट में भेजा गया। अमेरिका अभी भी इकलौता देश है, जिसने ऑर्बिटल क्लास बूस्टर को सफलतापूर्वक रिटर्न किया है। इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सबसे पहले ऐसा किया था।
इसके अलावा, जेफ बोजेस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ऐसा कर चुकी है। पिछले महीने न्यू ग्लेन रॉकेट अपने दूसरे मिशन में बूस्टर को रिकवर करने और रीयूज करने में कामयाब रहा था।
मिशन की 3 तस्वीरें…

चीन की कंपनी लैंडस्पेस ने 3 दिसंबर 2025 को अपना पहला रीयूजेबल रॉकेट ZQ-3 Y1 लॉन्च किया।

रॉकेट ने लिफ्टऑफ से लेकर ऑर्बिट इंसर्शन तक का पूरा सफर तय अनुसार किया।

फर्स्ट स्टेज रिटर्न के दौरान किसी गड़बड़ी के कारण हवा में ही इसमें आग लग गई।
मिशन का मकसद: रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना
इस मिशन का मकसद रॉकेट को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) तक ले जाना और फर्स्ट स्टेज को वापस पृथ्वी पर लैंड करना था। हालांकि, आग लगने के कारण वो इसमें कामयब नहीं हो सका।
टेस्ट कैसे रहा: लॉन्च स्मूथ हुआ लेकिन रिटर्न के दौरान फटा
- रॉकेट को दोपहर में चीन के जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया।
- रॉकेट ने लिफ्टऑफ से लेकर ऑर्बिट इंसर्शन तक का पूरा सफर तय अनुसार किया।
- लैंडस्पेस के इंजीनियर्स ने लाइव अपडेट्स में बताया कि टेलीमेट्री डेटा परफेक्ट था।
- फर्स्ट स्टेज रिटर्न के दौरान किसी गड़बड़ी के कारण हवा में ही इसमें आग लग गई।
- इसकी वजह रॉकेट की हीट शील्ड या पैराशूट सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो सकती है।
मिथेन-पवार्ड इंजन से चलता है रॉकेट
ZQ-3 Y1 एक मीडियम-लिफ्ट रीयूजेबल रॉकेट है, जो मिथेन-पावर्ड इंजन से चलता है। इसे चीन की प्राइवेट कंपनी लैंड स्पेस ने बनाया है। रॉकेट का डायमीटर 4.5 मीटर है। ऊंचाई 66.1 मीटर है।
पूरी तरह फ्यूल भरने पर इसका वजन करीब 570 मीट्रिक टन हो जाता है। लिफ्टऑफ थ्रस्ट 750 टन से ज्यादा है। यह सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट या सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट में ले जा सकता है।
रॉकेट के प्रोपेलेंट टैंक स्टेनलेस स्टील के बने हैं, जो मजबूत होते हैं, हाई टेम्परेचर और करोशन को झेल सकते हैं और इनकी लागत भी कम आती है। बूस्टर पर चार ग्रिड फिन और चार लैंडिंग लेग लगे है।

छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट फेल हुआ
एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट को फेल कर दिया। इस प्रॉब्लम को ठीक करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कंपनी के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, ये पहला टेस्ट था, डेटा से हम अगली फ्लाइट्स को और मजबूत बनाएंगे।
यह टेस्ट चीन की कॉमर्शियल स्पेस सेक्टर का हिस्टोरिक मोमेंट था, क्योंकि यह पहली बार किसी चाइनीज प्राइवेट फर्म ने ऑर्बिटल टेस्ट के साथ फर्स्ट स्टेज रिकवरी ट्रायल किया। अभी तक चीन के पास सिंगल-यूज रॉकेट्स हैं, लेकिन रीयूजेबल से कॉस्ट 30-50% कम हो सकती है।
2015 में झांग चांगवू ने बनाई थी लैंडस्पेस
लैंडस्पेस बीजिंग बेस्ड प्राइवेट स्पेस फर्म है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई था। इसके फाउंडर और CEO झांग चांगवू का फोकस रीयूजेबल रॉकेट टेक्नोलॉजी पर है। 2023 में लैंडस्पेस ने ZQ-2 के साथ दुनिया का पहला मिथेन-LOX रॉकेट ऑर्बिटल लॉन्च किया था।
फ्यूचर प्लान्स: स्पेस स्टेशन सप्लाई से मून मिशन्स तक
लैंडस्पेस 2026 से चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन के लिए स्पेसक्राफ्ट लॉन्च मिशन्स करेगी। कंपनी रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को वेरिफाई और अप्लाई करने पर काम जारी रखेगी। रीयूजेबल टेक से चीन सैटेलाइट कांस्टेलेशन, मून मिशन्स और स्पेस टूरिज्म पर फोकस करेगा।
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चीन का पहला रीयूजेबल रॉकेट लॉन्च फेल: ZQ-3 Y1 रॉकेट ऑर्बिट तक पहुंचा, लेकिन बूस्टर पृथ्वी पर आते समय फटा
