विन मनी एप के जरिये से चिटफंड स्कीम के तहत लाखों रुपये हड़पने के मामले में हरियाणा के हिसार में पुलिस ने तीन आरोपियों को आठ दिन की पुलिस रिमांड लेने के बाद कई बड़े खुलासे किए हैं। गुरुवार को एसपी लोकेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि पिछले कुछ महीनों में आरोपी सचिन गुड़ालिया के बैंक अकाउंट से लगभग 300 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। यह राशि अलग-अलग राज्यों के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन होकर सचिन के खाते में जमा हुई। सीआईए को अब आरोपी सचिन के खाते से करोड़ों रुपये निकालने वाले गुर्गे की तलाश है।
बता दें कि इस मामले में सीआईए ने 15 जून को आरोपी गुजरात के सुरेंद्रा नगर निवासी सचिन गुड़ालिया और अहमदाबाद निवासी पिंटू राजपूत को गिरफ्तार किया था। उसके बाद सीआईए ने 17 जून को राजस्थान के जयपुर निवासी आकाश शर्मा को गिरफ्तार किया था। सचिन और पिंटू की गिरफ्तारी के दौरान सीआईए ने 50000 रुपये भी बरामद किए थे।
इस मामले में शामिल गिरोह के बारे में एसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी सचिन के बैंक खाते में जमा रुपये को चेक के माध्यम से कोई व्यक्ति निकालता है, जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में गिरफ्तार तीसरा आरोपी आकाश शर्मा डिजिटल करेंसी में डायरेक्ट ट्रांसफर कर धोखाधड़ी कर निकाली गई धनराशि पर निगाह रहता था।
उसके बदले उसे कमीशन मिलता था। तीनों आरोपियों से पुलिस ने अब तक करीब 3 लाख 52 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं। इसके अलावा पुलिस ने 1 करोड़ 38 लाख रुपये वाले एक खाते को फ्रिज करवा दिया है। पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी विन मनी चिटफंड कंपनी से जुडे़ हैं।
ऐसे हुई थी ठगी
इस बारे में हिसार के पटेल नगर निवासी चंद्रशेखर की शिकायत पर सिविल लाइन थाना में 17 मई 2022 को केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता चंद्रशेखर का आरोप है कि विन मनी चिटफंड कंपनी ने उसके 12 से 15 लाख रुपये हड़पे हैं। चंद्रशेखर ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि टेलीग्राम के माध्यम से उसके बाद एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाली लड़की ने अपना नाम ऐना बताया था। ऐना ने उसे चिटफंड स्कीम में 1000 रुपये जमा कराने तथा सदस्य बनाने पर 3 महीने में 80000 रुपये देने का लालच दिया था। इसके बाद उसने स्कीम के तहत 10 से 12 लाख रुपये जमा कराए थे।
दुबई तक फैला चिटफंड कंपनी से ऑनलाइन ठगी का कारोबार
पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने बताया कि विन मनी एप के जरिये ठगी का कारोबार हिसार से दुबई तक फैला है। देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटाले शारदा ग्रुप चिट फंड में करीब 200 से अधिक निजी कंपनियों के जरिये ठगी की जा रही थी। हिसार के पटेल नगर निवासी चंद्रशेखर से हुई ऑनलाइन ठगी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए हैं। एसपी ने बताया कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत का भी अंदेशा है। बैंकों ने एक खाते से 300 करोड़ की ट्रांजेक्शन के बावजूद पुलिस और इनकम टैक्स विभाग को सूचना नहीं दी। वहीं यूट्यूबर भी फर्जी विज्ञापन से इन कंपनियों का प्रचार कर रहे हैं।
8 प्रतिशत प्रति माह कमीशन का दिया लालच
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि ये लोग टेलीग्राम, फेसबुक, वेबसाइट सहित कई एप के माध्यम से लोगों से संपर्क करके लोगों को लिंक भेजते हैं। विन मनी के नाम से फ्रॉड विज्ञापन करके विन मनी से लोगों को जोड़ते हैं। एप एंड्रायड लिंक चेन एप्लीकेशन है। एप्लीकेशन डाउनलोड के बाद एक रेफरल कोड के माध्यम से लोगों की जानकारी भी जुटा लेते हैं। लिंक के माध्यम से एप डाउनलोड करवाकर एक हजार रुपये जमा करवाते हैं। इसके बाद कंपनी की ओर से तीन माह तक 80 रुपये खाते में भेजने का लालच दिया जाता है। मेंबर बनाने पर अलग से बोनस दिया जाता है। लोगों को 8 प्रतिशत तक प्रति माह कमीशन भी देते हैं।
गौरतलब है कि हिसार पटेल नगर निवासी चंद्रशेखर ने 17 मई को हिसार मामले में सिविल लाइन थाना में केस दर्ज करवाया था। पुलिस को दी शिकायत में चंद्रशेखर ने कहा कि एक दिन उसके पास टेलीग्राम के से एक काल आई और बात करने वाले ने अपना नाम ऐना बताया था। ऐना ने कहा कि हमारी एक कंपनी विन मनी है और इसी नाम से हमारी एप है जो एक एंड्रायड लिंक चेन एप्लीकेशन है।
यह भारत सरकार मंजूर है। इस एप से आपके शहर के अनगिनत लोग हमारी कंपनी की चिटफंट स्कीम से जुड़े हुए हैं। चंद्रशेखर ने एप डाउनलोड किया। जिसका पासवर्ड विनमनी कंपनी की ओर से दिया गया था। चंद्रशेखर ने बताया कि उसने करीब 12-15 लाख रुपये कंपनी में जमा कराए। जिसका समय-समय पर कमीशन मिलता रहा। कुछ दिनों बाद मेरे खातों में राशि आनी बंद हो गई। टेलीग्राम के जरिए जब कंपनी से संपर्क किया तो ऐना ने कहा कि मेरी आईडी व खाता ब्लॉक कर दिया है।
विस्तार
विन मनी एप के जरिये से चिटफंड स्कीम के तहत लाखों रुपये हड़पने के मामले में हरियाणा के हिसार में पुलिस ने तीन आरोपियों को आठ दिन की पुलिस रिमांड लेने के बाद कई बड़े खुलासे किए हैं। गुरुवार को एसपी लोकेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि पिछले कुछ महीनों में आरोपी सचिन गुड़ालिया के बैंक अकाउंट से लगभग 300 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। यह राशि अलग-अलग राज्यों के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन होकर सचिन के खाते में जमा हुई। सीआईए को अब आरोपी सचिन के खाते से करोड़ों रुपये निकालने वाले गुर्गे की तलाश है।
बता दें कि इस मामले में सीआईए ने 15 जून को आरोपी गुजरात के सुरेंद्रा नगर निवासी सचिन गुड़ालिया और अहमदाबाद निवासी पिंटू राजपूत को गिरफ्तार किया था। उसके बाद सीआईए ने 17 जून को राजस्थान के जयपुर निवासी आकाश शर्मा को गिरफ्तार किया था। सचिन और पिंटू की गिरफ्तारी के दौरान सीआईए ने 50000 रुपये भी बरामद किए थे।
इस मामले में शामिल गिरोह के बारे में एसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी सचिन के बैंक खाते में जमा रुपये को चेक के माध्यम से कोई व्यक्ति निकालता है, जो अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस मामले में गिरफ्तार तीसरा आरोपी आकाश शर्मा डिजिटल करेंसी में डायरेक्ट ट्रांसफर कर धोखाधड़ी कर निकाली गई धनराशि पर निगाह रहता था।
उसके बदले उसे कमीशन मिलता था। तीनों आरोपियों से पुलिस ने अब तक करीब 3 लाख 52 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं। इसके अलावा पुलिस ने 1 करोड़ 38 लाख रुपये वाले एक खाते को फ्रिज करवा दिया है। पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी विन मनी चिटफंड कंपनी से जुडे़ हैं।
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