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आर्थिक संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि अब निगम ने कजौली वाटर वर्क्स के बिजली बिल का भुगतान करने के लिए पेंशन अकाउंट से 6 करोड़ निकालने का फैसला लिया है। यदि समय पर भुगतान नह
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कर्मचारियों की सैलरी तक के पैसे नहीं
नगर निगम की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि कर्मचारियों के वेतन और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए भी धन की कमी हो गई है। नगर निगम प्रशासन के पास बिजली बिल भुगतान का कोई और विकल्प नहीं बचा, इसलिए पेंशन फंड से पैसे निकालने का कठिन निर्णय लिया गया।
कर्मचारियों और पेंशनर्स में गहरी चिंता
नगर निगम के इस फैसले से कर्मचारियों और पेंशनर्स में असंतोष बढ़ गया है। पेंशनर्स चिंतित हैं कि यदि भविष्य में बार-बार इसी तरह पेंशन फंड से धन निकाला जाता रहा, तो उनकी पेंशन सुरक्षित रहेगी या नहीं। कर्मचारियों और पेंशनर्स का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन को इस खर्च का बोझ उठाना चाहिए, लेकिन इसका भार नगर निगम पर डाल दिया गया है।
जसबीर सिंह बंटी सीनियर डिप्टी मेयर चंडीगढ।
प्रशासन को करनी चाहिए मदद
चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने कहा कि कजौली वाटर वर्क्स के बिजली बिल जैसी जिम्मेदारियां चंडीगढ़ प्रशासन को उठानी चाहिए, लेकिन इसका बोझ नगर निगम पर डाल दिया गया है, जिससे वित्तीय संकट और गहरा रहा है। नगर निगम की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए ठोस उपायों की जरूरत है, अन्यथा आने वाले समय में स्थिति और बिगड़ सकती है।
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चंडीगढ निगम ने पेंशन अकाउंट से भरा 6 करोड बिल: जूझ रहा वित्तीय संकट से,कजौली वाटर वर्क्स का बिजली बिल देने तक के पैसे नहीं – Chandigarh News