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सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने स्कूल लैक्चरर्स के लिए 31 जुलाई 2006 को जारी वरिष्ठता सूची को बरकरार रखते हुए चंडीगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा बाद में बनाई गई सभी वरिष्ठता सूचियों को रद्द कर दिया है। यह आदेश लैक्चरर रूपिंदर पाल कौर द्वारा 2018
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कैट ने स्पष्ट किया कि “हम मानते हैं कि ये निर्णय मामले में लागू होते हैं। इसलिए 31 जुलाई, 2006 की वरिष्ठता सूची, जिसे पुष्टि के बाद अंतिम रूप दिया गया था, को बरकरार रखा जाता है।” इसके साथ ही, ट्रिब्यूनल ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सेवा की अवधि के आधार पर आवेदक की वरिष्ठता तय करें और उसके जूनियर्स को प्रिंसिपल के रूप में पदोन्नत करें।
रूपिंदर पाल कौर ने ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया कि उनकी और अन्य लैक्चरर्स की वरिष्ठता को निरंतर सेवा अवधि के आधार पर निर्धारित किया जाए। उन्हें 20 जुलाई, 1990 को पीजीटी कैडर में लैक्चरर नियुक्त किया गया था और इसके बाद 23 जुलाई को ज्वाइनिंग रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
उन्होंने बताया कि लैक्चरर्स की सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए कोई सर्विस रूल नहीं बनाए गए थे और 31 जुलाई, 2006 को जारी की गई अंतिम वरिष्ठता सूची से वे संतुष्ट नहीं थीं। उनका कहना था कि सर्विस रूल्स के अभाव में वरिष्ठता सूची निरंतर सेवा अवधि की तिथि से तैयार की जानी चाहिए थी।
हालांकि, 1 जनवरी, 2011 को जारी नई प्रोविजनल ग्रेडेशन लिस्ट में उनके नाम को 73 नंबर पर रखा गया था, जिसमें उनकी प्रथम नियुक्ति 20 जुलाई, 1990 दर्शाई गई थी, जिससे स्पष्ट होता है कि उत्तरदाता इच्छानुसार वरिष्ठता सूची तैयार कर रहे थे।
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चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की वरिष्ठता सूची रद्द: कैट ने जारी किए आदेश, डीपीआई को निर्देश, स्कूल लैक्चरर्स प्रमोशन मामला – Chandigarh News