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स्टेट कंज्यूमर कमीशन चंडीगढ़।
चंडीगढ़ में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की चंडीगढ़ बेंच ने नॉर्दर्न रेलवे डिवीजन, अंबाला कैंट के चीफ मेडिकल सुपरिनटैंडैंट द्वारा 86 वर्षीय सेवानिवृत्त कर्मचारी के मेडिकल बिल की प्रतिपूर्ति से इनकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है। कैट ने इसे अ
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कैट में याचिका की थी दायर
आवेदक रमेश चंदर शर्मा, जो रेलवे के चीफ पार्सल सुपरवाइज़र पद से 1995 में सेवानिवृत्त हुए थे, ने कैट में याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि 6 सितंबर, 2022 को उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने ऑब्सट्रक्टेड इंसीजनल हर्निया के चलते तत्काल सर्जरी की सिफारिश की थी। इस इलाज पर 6.45 लाख रुपए खर्च हुए।
सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल।
रेलवे अस्पताल ने प्रतिपूर्ति से किया इनकार
रमेश चंदर ने मेडिकल क्लेम के तहत प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किया था। रेलवे के कालका अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ने दलील दी, कि मरीज को गैर-मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में बिना रेफर किए इलाज कराने के कारण केवल सीजीएचएस रेट्स के अनुसार भुगतान किया जाएगा। इसके चलते केवल 32,027 की प्रतिपूर्ति की गई।
शेष राशि का करे भुगतान
कैट ने कहा कि आवेदक वरिष्ठ नागरिक हैं और उनके इलाज की स्थिति आपातकालीन थी। ऐसे में रेलवे के आदेश को अवैध ठहराते हुए इसे रद्द कर दिया गया। कैट ने रेलवे प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह मामले की समीक्षा कर आवेदक को चिकित्सा दावे की शेष राशि का भुगतान सुनिश्चित करे।
रेलवे प्राधिकरण की जिम्मेदारी तय
कैट ने यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे को आपातकालीन परिस्थितियों में इलाज के लिए नियमों को लचीला बनाना चाहिए, ताकि वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिल सके। यह फैसला सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की सुलभता को सुनिश्चित करता है।
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चंडीगढ़ में सेवानिवृत्त कर्मचारी को मिली राहत: रेलवे अस्पताल के मेडिकल क्लेम आदेश रद्द, आपातकालीन स्थिति में हुआ था इलाज – Chandigarh News