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चंडीगढ़ में लापरवाही से मौत पर अब 5 साल कैद: फर्जी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई, रजिस्टर्ड डॉक्टरों को 2 साल की सजा – Chandigarh News Chandigarh News Updates

चंडीगढ़ में लापरवाही से मौत पर अब 5 साल कैद:  फर्जी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई, रजिस्टर्ड डॉक्टरों को 2 साल की सजा – Chandigarh News Chandigarh News Updates

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डिप्टी कमिश्नर कम डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर नितिन यादव डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की बैठक लेते हुए।

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चंडीगढ़ में लापरवाही से हुई मौत के मामलों में अब आम नागरिकों के लिए सजा 5 साल तक बढ़ा दी गई है, जबकि रजिस्टर्ड डॉक्टरों के लिए यह सजा 2 साल तक सीमित रहेगी। डिप्टी कमिश्नर कम डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर नितिन यादव ने डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की बैठक की

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चिकित्सा अधीक्षक जांच अधिकारी नियुक्त

बैठक में 13 मार्च 2023 को हुई पिछली बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट पर चर्चा की गई और अब तक की प्रगति को साझा किया गया। इसमें विशेष रूप से निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के अधिकारों के चार्टर के प्रदर्शन को अनिवार्य रूप से लागू करने की बात शामिल थी।

बैठक में बताया गया कि सैक्टर-16 स्थित सरकारी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को दंड के आकलन के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह कदम चिकित्सा लापरवाही या अन्य शिकायतों की निष्पक्ष जांच के लिए उठाया गया है।

डीसी नितिन यादव डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए।

फर्जी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई

बैठक में टैंट या अस्थायी ढांचे में काम कर रहे फर्जी चिकित्सकों का मुद्दा भी उठाया गया। डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी गतिविधियों की गहन जांच की जाए और आवश्यकतानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए। सितंबर 2024 तक चंडीगढ़ में कुल 599 क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट पंजीकृत किए गए हैं।

अप्रैल 2023 से जुलाई 2024 के बीच 31 प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया गया, जिसमें से दो को गंभीर विसंगतियों के चलते अस्वीकृत कर दिया गया। साथ ही 22 मामलों में नियमों के उल्लंघन पर दंड भी लगाया गया।

उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान

डीसी नितिन यादव ने निर्देश दिया कि सभी क्लिनिक और नर्सिंग होम अपने पंजीकरण काउंटर पर सेवा दर सूची, नागरिक चार्टर और शिकायत अधिकारी के संपर्क नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

बैठक में आयुष चिकित्सकों के पंजीकरण पर भी चर्चा हुई। यह स्पष्ट किया गया कि आयुष डॉक्टर केवल आयुर्वेदिक क्लिनिक के रूप में ही पंजीकरण कर सकते हैं। जो आयुष क्लिनिक एलोपैथिक सेवाएं दे रहे हैं, वे इस अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड नहीं किए जाएंगे।

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