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चंडीगढ़ पुलिस का एक कॉन्स्टेबल खुद ही अपने चेक बाउंस केस में फंस गया। धनास स्थित पुलिस काम्पलेक्स निवासी कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार ने रोपड़ निवासी किशोर कुमार के खिलाफ 6 लाख के चेक बाउंस का केस फाइल किया था, लेकिन कोर्ट में मामला झूठा निकला और आरोपी क
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चंडीगढ़ कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कॉन्स्टेबल के पास 17 लाख रुपए कहां से आए, इसकी जांच होनी चाहिए। जज ने चंडीगढ़ के डीजीपी और एसएसपी को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच करें और यह पता लगाया जाए कि सरकारी कर्मचारी होते हुए भी नरेंद्र इस तरह का लेनदेन और ब्याज पर पैसे देने का काम कैसे कर रहा था।
3 चेक दिए थे, एक बाउंस हुआ
चंडीगढ़ जिला कोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ कि कॉन्स्टेबल नरेंद्र लोगों को ब्याज पर पैसे देता है। उसने किशोर कुमार को कथित तौर पर 17 लाख रुपए उधार दिए थे और जब किशोर ने चेक के जरिए पैसे लौटाए, उनमें से एक चेक बाउंस हो गया। कॉन्स्टेबल ने उसी आधार पर केस दर्ज करा दिया, लेकिन कोर्ट में सबूत नहीं टिके।

नरेंद्र ने अदालत में कहा था कि अक्टूबर 2019 में किशोर ने उससे 17 लाख रुपए मांगे थे और बाद में उसने 3 चेक, दो चेक 6-6 लाख और एक 5 लाख का देकर पैसा लौटाया। इनमें से एक चेक फंड की कमी के चलते बाउंस हो गया।
झूठी कहानी बनाई, दोस्ती का हवाला दिया
बचाव पक्ष के वकीलों जगतार कुरील और अमनदीप सिंह सैणी ने कोर्ट में दलील दी कि शिकायतकर्ता ने दोस्ती की झूठी कहानी बनाई। किशोर कुमार की नरेंद्र से कोई दोस्ती नहीं थी, बल्कि वह पैसों की जरूरत पड़ने पर उससे उधार लेता था। उन्होंने कहा कि नरेंद्र ने ब्याज पर 6 प्रतिशत दर से उधार दिया था और बदले में खाली चेक पर साइन भी करवाया था।

वहीं बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि किशोर ने उधार लिए 5 लाख रुपए समय पर लौटा दिए थे, लेकिन नरेंद्र ने उसका चेक नहीं लौटाया और गलत तरीके से उसका इस्तेमाल करते हुए केस दर्ज करवा दिया।
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चंडीगढ़ में ब्याज पर रुपए देकर फंसा कॉन्स्टेबल: चेक बाउंस केस में कोर्ट ने पूछा- कहां से आए 17 लाख; DGP-SSP कराएं जांच – Chandigarh News