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चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया।
चंडीगढ़ प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए नया सर्विस रूल लागू कर दिया है। इसके तहत अब ग्रुप ए, बी और सी कर्मचारियों की भर्ती, सेवा नियमों में बदलाव और अधिकारियों की डेपुटेशन पर नियुक्ति जैसे सभी फैसले केवल एडमिनिस्ट्रेटर की मंजूरी से ही होंगे। नोटिफिकेशन
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चंडीगढ़ प्रशासन का यह नया आदेश राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद को जन्म दे सकता है। केंद्र सरकार इसे पारदर्शिता और प्रशासनिक मजबूती का कदम बताएगी, वहीं पंजाब की पार्टियां इसे अपने अधिकारों पर हमला बताकर मुद्दा बना सकती हैं। हरियाणा भी अपने हित साधने की कोशिश करेगा।
चंडीगढ़ प्रशासन की नोटिफिकेशन।
DANICS अधिकारियों को मिल सकती है जिम्मेदारी
इस बदलाव के बाद आशंका जताई जा रही है कि अन्य कैडर (जैसे DANICS) के अधिकारियों को भी चंडीगढ़ के अहम विभागों की जिम्मेदारी मिल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आदेश से केंद्र का सीधा नियंत्रण मजबूत होगा, वहीं पंजाब और हरियाणा की दखलअंदाजी कमजोर पड़ सकती है।
पहले विभागों के प्रमुख अपने स्तर पर प्रस्ताव तैयार करते थे और उच्चाधिकारियों के जरिए उन्हें मंजूरी के लिए भेजा जाता था। कई मामलों में पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर आए अधिकारियों की पोस्टिंग और वापसी की प्रक्रिया अपेक्षाकृत आसान रहती थी। लेकिन अब हर फैसला एडमिनिस्ट्रेटर की मुहर से ही अंतिम माना जाएगा।
पंजाब सरकार ने लिखा था पत्र
पंजाब सरकार ने हाल ही में केंद्र को पत्र लिखकर 60:40 के अनुपात (पंजाब और हरियाणा से अधिकारियों की नियुक्ति का नियम) के उल्लंघन पर आपत्ति जताई थी। पंजाब का आरोप है कि शिक्षा, वित्त, आबकारी और स्वास्थ्य जैसे अहम विभागों में पंजाब कैडर के अफसरों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

पंजाब सरकार ने लिखा पत्र।
कर्मचारियों पर असर
चंडीगढ़ प्रशासन में कार्यरत हजारों कर्मचारियों के लिए यह आदेश अहम है। नई भर्तियों की प्रक्रिया में देरी हो सकती है क्योंकि हर बार एडमिनिस्ट्रेटर की मंजूरी जरूरी होगी। डेपुटेशन पर आने-जाने वाले अधिकारियों को भी ज्यादा औपचारिकताओं से गुजरना पड़ेगा।
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चंडीगढ़ में अब सभी पावर एडमिनिस्ट्रेटर के पास: पंजाब-हरियाणा की भूमिका होगी कमजोर, यूटी ने बदले सर्विस रूल, पंजाब सरकार ने लिखा था पत्र – Chandigarh News