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चंडीगढ़ पुलिस में 22 फीसदी महिलाएं: देश में भागीदारी तीसरे नंबर पर, राष्ट्रीय औसत से दोगुनी, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में कोई पद रिक्त नहीं – Chandigarh News Chandigarh News Updates

चंडीगढ़ पुलिस में 22 फीसदी महिलाएं:  देश में भागीदारी तीसरे नंबर पर, राष्ट्रीय औसत से दोगुनी, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में कोई पद रिक्त नहीं – Chandigarh News Chandigarh News Updates

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चंडीगढ़ पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में तीसरे स्थान पर है।

इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2025 के मुताबिक, पुलिस विभाग में महिला कर्मियों की हिस्सेदारी के मामले में चंडीगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, शहर की पुलिस फोर्स में 22.5 फीसदी महिलाएं कार्यरत हैं, जो राष्ट्रीय औसत 12.3 फीसदी से लगभग दोगुनी ह

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केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ इस मामले में दूसरे स्थान पर है, जबकि पहले स्थान पर लद्दाख (29.6 फीसदी) है। चंडीगढ़ में वर्तमान में महिला एसएसपी कंवरदीप कौर तैनात हैं। 2013 बैच की पंजाब कैडर की आईपीएस अधिकारी कंवरदीप कौर मार्च 2023 से शहर की कमान संभाल रही हैं।

इससे पहले 2008 बैच की आईपीएस निलाबंरी विजय जगदाले 2017 से 2020 तक चंडीगढ़ की पहली महिला एसएसपी रही थीं।

पुलिस पर खर्च और रिक्तियां रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में चंडीगढ़ में पुलिस पर प्रति व्यक्ति खर्च 5,902 रहा, जो देश के औसत 1,275 से चार गुना से भी ज्यादा है। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस में 17.3 फीसदी कॉन्स्टेबल और 15.4 फीसदी अफसरों की पोस्ट खाली हैं। अधिकारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 8.4 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत 8 फीसदी के बराबर है।

एससी और ओबीसी अफसरों की लगभग 50 फीसदी पोस्ट अब भी खाली हैं। हालांकि, सभी थानों में कम से कम एक सीसीटीवी कैमरा लगा है और 95 फीसदी थानों में महिला सहायता डेस्क भी हैं।

कंवरदीप कौर, एसएसपी चंडीगढ़।

न्यायपालिका में महिला जजों की मजबूत भागीदारी चंडीगढ़ की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में कोई भी जज पद रिक्त नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां 43.3 फीसदी जज महिलाएं हैं। साथ ही अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को भी भर लिया गया है। हालांकि, लंबित मामलों की संख्या चिंता का विषय है, जिनमें से 37.1 फीसदी केस तीन साल से अधिक समय से लंबित हैं।

इस रिपोर्ट को टाटा ट्रस्ट्स द्वारा शुरू किया गया था और यह इसका चौथा संस्करण है। इसमें देश की न्याय व्यवस्था की चार मुख्य इकाइयों – पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता – के प्रदर्शन को विभिन्न मानकों पर आंकलित किया गया है। रिपोर्ट में चंडीगढ़ न्याय व्यवस्था से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं।

जेल और कानूनी सहायता की स्थिति चंडीगढ़ की एकमात्र जेल, बुड़ैल मॉडल जेल में अफसरों की 10 फीसदी और सुधार कर्मियों की 50 फीसदी पोस्ट खाली हैं। जेल स्टाफ में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 4.9 फीसदी है। जेल में कम से कम एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा है। जेल की ऑक्यूपेंसी दर 107 फीसदी है और 70 फीसदी कैदी विचाराधीन हैं।

कानूनी सहायता के क्षेत्र में 38 पैरा लीगल वालंटियर्स कार्यरत हैं, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं। पैनल वकीलों में 24.5 फीसदी महिलाएं हैं। जेल में एक लीगल सर्विस क्लिनिक है और स्थायी लोक अदालतों में आए 95 फीसदी मामलों का निपटारा किया गया।

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