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चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन द्वारा ठेका प्रथा समाप्ति अधिसूचना से छूट की मांग पर केन्द्रीय सलाहकार ठेका श्रमिक बोर्ड में सुनवाई हुई। पीजीआई ने 2027 तक छूट की अपील की थी, जिसे जॉइंट एक्शन कमेटी ने साजिश बताते हुए विरोध किया। अंततः बोर्ड ने 13 जनवरी 2024 से
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इस छूट के तहत पीजीआई प्रशासन को सेम एंड सिमिलर वेज नियम 25 के तहत कर्मियों को समान वेतन और बकाया एरियर्स देना अनिवार्य होगा। जॉइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन अश्विनी मुंजाल ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा खत्म करने के लिए प्रशासन स्थायी पोस्ट सृजित करने की योजना पर भी अमल करे।
प्रतीकात्मक फोटो।
बोर्ड ने पीजीआई से किए कड़े सवाल
बोर्ड ने पीजीआई प्रशासन से पूछा कि जब 12 दिसंबर 2014 की अधिसूचना लागू है और उच्च न्यायालय ने ठेका प्रथा पर रोक नहीं लगाई है, तो बिना छूट के ठेका प्रथा कैसे जारी रही। प्रशासन पर सेम एंड सिमिलर वेज की शर्तें न मानने का आरोप लगाते हुए बोर्ड ने इसे वर्कर्स को परेशान करने और अपने ऊपर वित्तीय बोझ बढ़ाने का कारण बताया।
प्रतीकात्मक फोटो।
कर्मचारी हितों की मांग पर जोर
अश्विनी मुंजाल ने कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीजीआई प्रशासन बकाया एरियर्स जारी करे और भविष्य में कर्मियों की मांगों को टालने की रणनीति न अपनाए। साथ ही स्थायी पोस्ट सृजित करने के लिए स्टेंडिंग फाइनेंस कमेटी में लिए निर्णयों को अमल में लाया जाए। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यह छूट 12 जनवरी 2026 तक सीमित रहेगी और यदि शर्तों का पालन नहीं किया, तो कार्रवाई की जाएगी। पीजीआई प्रशासन को अगले दो वर्षों में अधिसूचना के नियमों के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
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चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन को ठेका प्रथा पर सशर्त छूट: 2026 तक लागू रहेंगे नियम, जॉइंट एक्शन कमेटी ने किया विरोध – Chandigarh News