[ad_1]
चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी और अध्यक्ष लक्की।
चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने नगर निगम को केंद्र सरकार से मिले 125 करोड़ रुपए पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आखिर निगम को मिले 125 करोड़ रुपए का बखान कर राजनीतिक दल लड्डू क्यों बांट रहे हैं, जबकि 10 साल पहले निगम के पास फिक्स डिपॉजिट में इतनी बड
.
कांग्रेस सांसद ने पूछा कि आखिर वह पैसा कहां चला गया और उसका हिसाब अब तक क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को जवाब देना चाहिए, क्योंकि वह पैसा दरअसल शहरवासियों का था और उसे शहर के विकास पर ही लगना चाहिए था।
चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मेयर को 125 करोड़ देते हुए।
निगम की हालत पर भी जताई चिंता
मनीष तिवारी ने कहा कि जिस दौर में मेयर का कार्यकाल था और स्थिति खराब होनी शुरू हुई या उससे पहले की अवधि में भी निगम की वित्तीय स्थिति कमजोर पड़ने लगी थी। ऐसे में सभी को जवाब देना होगा कि आखिर नगर निगम की आर्थिक हालत क्यों बिगड़ी। सिर्फ एक-दूसरे पर आरोप लगाने से जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता।
डीजीपी व एसएसपी को लिखा पत्र
सांसद मनीष तिवारी ने सेक्टर-29, जो चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला का वार्ड है, उसमें 50 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। उसी दौरान सांसद ने कहा कि सेक्टरों में लगने वाले सीसीटीवी कैमरों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि शहर में चाहे पार्षदों के फंड से लगे कैमरे हों या किसी अन्य द्वारा लगाए गए, उन सभी कैमरों का एक्सेस चंडीगढ़ पुलिस को मिलना चाहिए, ताकि पुलिस अपने स्तर पर उन्हें चेक कर सके और एरिया बीट स्तर पर डीवीआर लगाकर अवैध गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके। इस बाबत उन्होंने चंडीगढ़ के डीजीपी और एसपी को पत्र भी लिखा है।
[ad_2]
चंडीगढ़ निगम में 125 करोड़ के बजट पर विवाद: सांसद बोले- फिक्स डिपोजिट के ब्याज से चलता था खर्चा; हालात के जिम्मेदार कौन – Chandigarh News