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एक ओर जहां चंडीगढ़ नगर निगम गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहा है, वहीं निगम की ओर से बिजली खपत पर पिछले 4 वर्षों में 38.86 करोड़ से अधिक बिजली के लिए खर्च कर दिए है। जिसमें सेक्टर-17 स्थित एमसी ऑफिस सेक्टर-17, मेडिकल ऑफिसर हेल्थ (MOH) बिल्डिंग, ट्यूबवेल, ए

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इस के अलावा सड़कों और पार्कों में लगे स्ट्रीट लाइट पोलों पर 36 करोड़ 31 लाख 64 हजार 973 रुपए का बिजली बिल चुकाया गया है। यह जानकारी भारतीय जनता पार्टी के पार्षद सौरभ जोशी के सवाल पर नगर निगम अधिकारियों ने दी है।
सौरभ जोशी ने निगम से पूछा था कि पिछले 4 वित्तीय वर्षों में निगम ने ऑफिस बिल्डिंग, MOH बिल्डिंग, ट्यूबवेल, एसटीपी, एमएसडब्ल्यू प्लांट आदि पर कुल कितनी बिजली खपत की और इसका खर्च कितना आया। इसके जवाब में निगम ने बताया कि केवल सेक्टर-17 की ऑफिस बिल्डिंग पर ही 2 करोड़ 54 लाख 96 हजार 695 रुपए खर्च हो चुके हैं।
यह बिल्डिंग पूरी तरह से एयर कंडीशनिंग है, जिसमें मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर, अधिकारी और पार्षद कार्यरत रहते हैं। यहीं से जनता से संबंधित कार्यों का निपटारा भी किया जाता है।
सौरभ जोशी, पार्षद बीजेपी।
सड़कों और पार्कों के बिजली पोल के किए 36.31 करोड़ खर्च
निगम की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले 4 वर्षों में चंडीगढ़ की सड़कों और पार्कों में लगे स्ट्रीट लाइट पोलों पर 36 करोड़ 31 लाख 64 हजार 973 रुपए का बिजली बिल चुकाया गया है।
सौरभ जोशी ने कहा कि इस तरह के मुद्दे उठाने का उद्देश्य नगर निगम को अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) की ओर प्रेरित करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि निगम को अपने कार्यालयों से ही सौर ऊर्जा के उपयोग की दिशा में पहल शुरू करनी चाहिए, ताकि बिजली के खर्च को घटाया जा सके और बची हुई राशि अन्य जनहित कार्यों में लगाई जा सके।
वित्तीय संकट से जूझ रहे नगर निगम ने अब शहर में राजस्व बढ़ाने के लिए विज्ञापन पैनलों और यूनीपोल की ई-नीलामी की योजना बनाई है। इस संबंध में 75 नए स्थलों की पहचान की गई है, जिन्हें विज्ञापन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

हरप्रीत कौर बबला, मेयर।
हाउस मीटिंग में होगा प्रस्ताव पेश
इस प्रस्ताव को लेकर ड्राफ्ट टेंडर दस्तावेज तैयार कर लिया गया है, जिसमें तकनीकी और वित्तीय बोलियों के नियम व शर्तें शामिल हैं। इसे 30 जून को होने वाली नगर निगम हाउस मीटिंग में प्रस्तुत किया जाएगा।
चीफ आर्किटेक्ट, शहरी योजना विभाग की सिफारिश पर ये स्थल चुने गए हैं, जो मुख्य रूप से शहर की व्यवसायिक सड़कों के किनारे हैं। वर्तमान में निगम के पास पहले से ही 22 ऐसे स्थल हैं जो दो एजेंसियों को आवंटित किए गए हैं।
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि नीलामी से निगम को अच्छा राजस्व मिलेगा। “मनिमाजरा साइट की नीलामी का एजेंडा भी हाउस में लाया जाएगा। वह लगातार प्रयास कर रही है कि ऐसे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिले, जिनसे नगर निगम की आय में वृद्धि हो सके।
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चंडीगढ़ निगम ने बिजली पर खर्च किए 38.86 करोड़: 4 सालों में स्ट्रीट लाइटों का 36.31 करोड़ भुगतान; भाजपा पार्षद ने मांगा था जवाब – Chandigarh News