in

चंडीगढ़ निगम के चीफ इंजीनियर को हटाया: होम सेक्रेटरी के बजाय गवर्नर ने दिया आदेश, भाजपा के पार्षद चल रहे थे नाराज – Chandigarh News Chandigarh News Updates

चंडीगढ़ निगम के चीफ इंजीनियर को हटाया:  होम सेक्रेटरी के बजाय गवर्नर ने दिया आदेश, भाजपा के पार्षद चल रहे थे नाराज – Chandigarh News Chandigarh News Updates

[ad_1]

नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा, फाइल फाेटो

चंडीगढ़ नगर निगम में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। गवर्नर गुलाब चंद कटारिया के आदेश के बाद चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा को पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह के.पी. सिंह को नया चीफ इंजीनियर नियुक्त किए जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि भाजपा पार्षदों क

.

जानकारी के अनुसार, यह फैसला सीधे गवर्नर द्वारा मंजूर किया गया है, जबकि आमतौर पर ऐसे तबादलों की मंजूरी होम सेक्रेटरी (लोकल गवर्नमेंट) की ओर से दी जाती है। माना जा रहा है कि यह फैसला कुछ पार्षदों द्वारा की जा रही शिकायत और किसी प्रोजेक्ट के सिरे न चढ़ने के चलते हुआ है।

विवादों में रहे: पार्षद से लेकर आर्किटेक्ट विभाग तक की थी शिकायत

सूत्रों के अनुसार, मेयर के करीबी कुछ भाजपा पार्षद संजय अरोड़ा के कार्यों से नाराज थे और उनके खिलाफ लगातार शिकायतें गवर्नर हाउस तक पहुंच रही थीं। मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियाँ विरोधी पक्ष तक पहुंचने को लेकर भी नगर निगम के भीतर असंतोष की स्थिति बनी हुई थी। आर्किटेक्ट विभाग भी इसकी शिकायत कर रहा था।

अफसरों के चहेते, मगर पार्षदों से नहीं बनी

चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा इस समय नगर निगम के सभी छोटे-बड़े अफसरों के चहेते रहे हैं, मगर उनका भाजपा के पार्षदों के साथ तालमेल नहीं बन रहा था। जिस वजह से नगर निगम में लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई थी।

मेयर कार्यकाल डेढ़ माह, कार्यकाल और हट गए इंजीनियर

अरोड़ा से कामों को लेकर नगर निगम मेयर हरप्रीत कौर बबला से भी टकराव की स्थिति थी। कई प्रोजेक्ट को लेकर उनका विरोध था। मेयर का कार्यकाल भले ही डेढ़ माह का ही रह गया हो, मगर भाजपा के पार्षदों की वजह से यह कार्रवाई हो पाई है।

3 पॉइंट में जानिए अरोड़ा को क्यों हटाया

  • लटके प्रोजेक्ट: बड़े टेंडर सिरे नहीं चढ़ पा रहे थे। इसमें डड्डूमाजरा में बनने वाला कचरा निस्तारण प्लांट भी शामिल है, जो अभी तक शुरू ही नहीं हुआ, जबकि कूड़ा निस्तारण में खामियों को लेकर एनजीटी और हाईकोर्ट ने नगर निगम पर जुर्माना लगाया है।
  • टकराव से काम पर असर: पार्षदों और ठेकेदारों के साथ लगातार टकराव की स्थिति बन रही थी। इससे कई कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा था।
  • पक्षपात का आरोप: मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट के सभी कागजात विरोधी पार्षदों के पास जा रहे थे और इससे वह मेयर को घेरने में कामयाब हो रहे थे। आर्किटेक्ट विभाग से भी इससे संबंधित शिकायत ऊपर जा रही थीं।

अरोड़ा पहले ऐसे अधिकारी जो 3 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके

संजय अरोड़ा यूटी एडमिनिस्ट्रेशन में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर थे और नगर निगम में चीफ इंजीनियर के लिए डेपुटेशन पर लगाए गए थे। इन्हें 24 सितंबर 2024 को यहां तैनात किया गया था और डेढ़ साल के कार्यकाल के बाद उन्हें यहां से हटा दिया गया है। यहां तीन साल का कार्यकाल दिया जाता है। वह पहले ऐसे अधिकारी हैं, जो तीन साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके हैं।

यूटी प्रशासन से आने वाले भी पहले अधिकारी: संजय अरोड़ा पहले चीफ इंजीनियर थे, जो यूटी प्रशासन से नगर निगम में लगाए गए थे। इससे पहले पंजाब या हरियाणा के अधिकारियों की पोस्टिंग यहां होती थी। बताया जा रहा है कि वह यहां से हटने के बाद यूटी प्रशासन को ही जॉइन करेंगे।

[ad_2]
चंडीगढ़ निगम के चीफ इंजीनियर को हटाया: होम सेक्रेटरी के बजाय गवर्नर ने दिया आदेश, भाजपा के पार्षद चल रहे थे नाराज – Chandigarh News

आपसी भाईचारा ही समाज की ताकत : विधायक Latest Sonipat News

आपसी भाईचारा ही समाज की ताकत : विधायक Latest Sonipat News

जम्मू-कश्मीर की 4 सीटों पर राज्यसभा चुनाव, नेशनल कॉन्फ्रेंस को क्लीन स्वीप की उम्मीद Politics & News

जम्मू-कश्मीर की 4 सीटों पर राज्यसभा चुनाव, नेशनल कॉन्फ्रेंस को क्लीन स्वीप की उम्मीद Politics & News