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चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए फर्जी मेजर का केस क्राइम ब्रांच से लेकर ऑपरेशन सेल को ट्रांसफर कोर्ट द्वारा कर दिया गया था, जिसके बाद केस की पूरी फाइल ऑपरेशन सेल के पास पहुंच गई है और ऑपरेशन सेल ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है। इसके चल
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इससे पहले क्राइम ब्रांच ने भी कोर्ट में दो बार 7-7 दिन का पुलिस रिमांड लेने के लिए याचिका डाली थी, लेकिन कोर्ट ने दोनों बार याचिका को खारिज कर दिया था। क्योंकि आरोपी द्वारा क्राइम ब्रांच पर उसे हिरासत के दौरान थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया गया था।
बड़े अफसरों से भी था उठना-बैठनासूत्रों से पता चला है कि आरोपी गणेश भट्ट का पुलिस के बड़े अफसरों के साथ भी उठना-बैठना रहा है। यही नहीं, कुछ अफसरों के साथ खाना खाने तक की चर्चा पुलिस विभाग के अंदर ही चल रही है। अब जांच क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर होकर ऑपरेशन सेल के पास आ चुकी है। अब पुलिस गणेश की कॉल डिटेल भी खंगालेगी। उसमें कई पुलिस के बड़े अफसरों से हुई बात का भी खुलासा होगा कि वह किन-किन अफसरों के संपर्क में रहा और उनके साथ उसकी लोकेशन दिन व रात के किस समय की आ रही है।
आरोपी गणेश भट्ट।
सीसीटीवी करवाई प्रिजर्व
आरोपी के वकील निखिल के. वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि सेक्टर-16 अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज को प्रिजर्व करवा दिया जाए, जिसके बाद उसे प्रिजर्व करवा दिया गया है। इससे केस में उन्हें काफी मदद मिलेगी।

वकील निखिल के. वशिष्ठ।
थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोप
आरोपी के वकील निखिल के. वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गणेश भट्ट को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। इसके बाद सेक्टर-16 के एसएमओ ने मेडिकल बोर्ड बनाकर उसका मेडिकल करवाया और रिपोर्ट कोर्ट को भेजी।
रिपोर्ट के मुताबिक, गणेश भट्ट के कान में चोट, आंख, हाथ-पैर और गाल पर सूजन और शरीर पर छोटे-छोटे चोट के निशान पाए गए।
कोर्ट ने DGP से मांगी थी रिपोर्ट
महिला कांस्टेबल से 5 लाख की ठगी के मामले में गिरफ्तार नकली मेजर गणेश भट्ट को रिमांड पर लेने की क्राइम ब्रांच की अर्जी जिला अदालत ने खारिज कर दी।
पिछली सुनवाई में अदालत ने डीजीपी से रिपोर्ट भी मांगी थी कि यह केस क्राइम ब्रांच से हटाकर किसी और थाने को क्यों न दिया जाए।
वजह ये है कि खुद क्राइम ब्रांच पर सवाल उठ रहे हैं- एक तो इस ठगी में क्राइम ब्रांच के ही एक इंस्पेक्टर पर आरोप हैं, दूसरा, आरोपी गणेश ने पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर और मारपीट के आरोप लगाए हैं।
यूनिफॉर्म करनी है बरामद
जांच अधिकारी ने जिला अदालत को बताया कि आरोपी गणेश भट्ट को जयपुर ले जाकर उसकी आर्मी यूनिफॉर्म बरामद करनी है। इसके अलावा उसका मोबाइल गुरुग्राम से और उसके बैंक अकाउंट्स की भी जांच करनी है।
वहीं, आरोपी के वकील निखिल के. वशिष्ठ ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि गणेश को झूठे केस में फंसाया जा रहा है और पुलिस झूठी कहानी बनाकर उसका रिमांड लेना चाहती है। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि पहले भी पुलिस ने हिरासत में गणेश के साथ मारपीट की थी।
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चंडीगढ़ नकली मेजर केस की फाइल ऑपरेशन सेल पहुंची: जल्द प्रोडक्शन वारंट पर लाया जा सकता है गणेश भट्ट, बड़े अफसरों से भी था उठना-बैठना – Chandigarh News

