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चंडीगढ़ गवाह संरक्षण योजना-2024 लागू: पहचान न हो इसके लिए एआई से चेहरा और आवाज बदल सकेगी पुलिस Chandigarh News Updates

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Chandigarh Witness Protection Scheme-2024 implemented

AI
– फोटो : Freepik

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गवाहों की सुरक्षा और बेहतर न्याय के लिए पहली बार यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ गवाह संरक्षण योजना-2024 को लागू कर दिया है।

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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों के अनुसार चंडीगढ़ गवाह संरक्षण योजना को अधिसूचित किया गया है। इसमें प्रशासन ने गवाहों को होने वाले खतरों को तीन वर्गों में बांटा है। कई व्यवस्था की गई है, जैसे लाइव लिंक से गवाही हो सकती है। गवाह की पहचान का खुलासा न हो, इसके लिए चेहरा और आवाज पुलिस बदल सकेगी। ऐसा इसलिए ताकि गवाह बिना डर या दबाव के गवाही दे सके।

नए आपराधिक कानून में गवाह संरक्षण योजना का प्रावधान किया गया है, क्योंकि गवाह किसी भी जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह राज्य व यूटी का कर्तव्य है कि वह एक ऐसा माहौल उपलब्ध कराए, जहां गवाह दबाव या धमकी के आगे न झुकें। केंद्र ने सभी राज्यों व यूटी को अपने अनुसार इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ गवाह संरक्षण योजना-2024 बनाया और इसे अब लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी। 

विशेष रूप से डिजाइन किए गए संवेदनशील गवाह न्यायालय कक्षों का उपयोग होगा, जिनमें लाइव वीडियो लिंक, वन वे मिरर और स्क्रीन जैसी विशेष व्यवस्थाएं होंगी। गवाहों और अभियुक्तों के लिए अलग-अलग मार्ग के अलावा, गवाह के चेहरे और आवाज को बदलने का विकल्प होगा, ताकि आरोपी उसे पहचान न सके। गवाहों की सुरक्षा आदि देने में जो पैसे खर्च होंगे, उसके लिए निधि होगी, जिसका नाम साक्षी संरक्षण निधि होगा। इसके लिए हर साल प्रशासन की तरफ से बजट आवंटित किया जाएगा और इस बजट से होने वाले खर्चों पर गृह विभाग नजर रखेगा। इस योजना के अंतर्गत संरक्षण आदेश प्राप्त करने के लिए निर्धारित फॉर्मेट में सक्षम प्राधिकारी के सामने, उसके सदस्य सचिव के माध्यम से आवेदन करना होगा। पुलिस से खतरा विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के पांच दिनों के भीतर आवेदन का निपटारा किया जाएगा।

गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जाएंगे यह उपाय

– जांच या सुनवाई के दौरान गवाह और आरोपी आमने-सामने न आएं

– ईमेल और टेलीफोन कॉल की निगरानी

– उसे कोई अन-लिस्टेड मोबाइल नंबर देने के लिए टेलीफोन कंपनी के साथ व्यवस्था करना

– गवाह के घर में सुरक्षा उपकरण जैसे सिक्योरिटी डोर, सीसीटीवी, अलार्म, फेंसिंग आदि

– गवाह को बदले हुए नाम या अक्षर से संबोधित करके उसकी पहचान छिपाना

– कड़ी सुरक्षा, गवाह के घर के आसपास नियमित गश्त, आपातकालीन संपर्क व्यक्ति की व्यवस्था

– अस्थायी रूप से किसी रिश्तेदार के घर या नजदीकी स्थान पर निवास बदलना

– सुनवाई के लिए पुलिस सुरक्षा में अदालत तक ले जाना और वापस लाना

– बंद कमरे में सुनवाई आयोजित करना और बयान दर्ज करने के दौरान सहायक व्यक्ति को मौजूद रहने की अनुमति देना

– सुनवाई के दौरान बयान की शीघ्र रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करना

– गवाह को पुनर्वास, भरण-पोषण या नया व्यवसाय शुरू करने के उद्देश्य से गवाह संरक्षण निधि से वित्तीय सहायता

खतरे की धारणा के अनुसार गवाहों की श्रेणियां 

श्रेणी ‘ए’: जहां जांच के दौरान, उसके बाद गवाह या उसके परिवार के सदस्यों के जीवन को खतरा हो।

श्रेणी ‘बी’: जहां जांच के दौरान, उसके बाद गवाह या उसके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति को खतरा हो।

श्रेणी ‘सी’: जहां खतरा मध्यम हो। जांच के दौरान, उसके बाद गवाह या उसके परिवार के सदस्यों को परेशान या डराने की कोशिश की जा रही हो।

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चंडीगढ़ गवाह संरक्षण योजना-2024 लागू: पहचान न हो इसके लिए एआई से चेहरा और आवाज बदल सकेगी पुलिस

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