महिला व बाल विकास मंत्रालय की ताजा आंकड़ों ने चंडीगढ़ में बच्चों में कुपोषण बढ़ा है। फरवरी 2025 में बौनेपन, कमजोरी और कम वजन जैसे मामलों में बीते साल की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि 2023 के मुकाबले मामूली सुधार हुआ है, लेकिन 2024 की तुलना में हालात फिर बिगड़ गए हैं।
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ताजा आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 की तुलना में फरवरी 2025 में कुपोषण के तीन मुख्य संकेतकों बौनेपन, कमजोरी और कम वजन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बौनेपन यानी उम्र के हिसाब से लंबाई का कम होना, इसका प्रतिशत फरवरी 2024 में जहां 25.32 फीसदी था, वहीं फरवरी 2025 में यह बढ़कर 26.77 फीसदी हो गया। यह संकेत करता है कि बच्चों को लंबे समय तक पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है।
इसी तरह कमजोरी यानी वजन का लंबाई के अनुपात में कम होना, इसका प्रतिशत 0.27 फीसदी से बढ़कर 1.66 फीसदी हो गया है। वहीं, कम वजन यानी उम्र के हिसाब से वजन का कम होना, इसका प्रतिशत 7.12 फीसदी से बढ़कर 9.21 फीसदी हो गया है, जो कि बच्चों के समग्र विकास में रुकावट का संकेत है।
हालांकि मंत्रालय का यह भी कहना है कि यदि 2023 के आंकड़ों से तुलना की जाए तो चंडीगढ़ में बच्चों की पोषण स्थिति में थोड़ा सुधार जरूर हुआ है। लेकिन बीते एक साल यानी फरवरी 2024 की तुलना में हालात फिर बिगड़े हैं, जो कि एक चिंता का विषय है।
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चंडीगढ़ के बच्चों में बढ़ा कुपोषण: पिछले साल के मुकाबले स्थिति खराब, उम्र के हिसाब से कई बच्चों का वजन है कम