{“_id”:”679d9b74aca910aaeb05a822″,”slug”:”chandigarh-electricity-department-became-private-160-employees-took-vrs-in-protest-2025-02-01″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”चंडीगढ़ की बिजली हुई प्राइवेट: विरोध में 160 कर्मचारियों ने ली VRS, निजी कंपनी के हुए 860 कर्मचारी”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन। – फोटो : अमर उजाला
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चंडीगढ़ की बिजली अब प्राइवेट हो गई है। बिजली वितरण का जिम्मा एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी के हाथों में आ गया है। चंडीगढ़ प्रशासन, ईईडीएल और चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बीच शेयर खरीद समझौता पूरा हो गया है।
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वहीं निजीकरण के विरोध में 160 सरकारी कर्मचारियों ने एक साथ वीआरएस ले ली। स्थिति संभालने के लिए पंजाब-हरियाणा से बुलाए कर्मचारियों ने भी आने से इन्कार कर दिया। सुरक्षा के मद्देनजर बिजली सब-स्टेशनों के पास फायर टेंडर तैनात किए गए हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन, एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (ईईडीएल) और चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बीच शुक्रवार को शेयर खरीद समझौता हुआ। आरपी-संजीव गोयनका (आरपी-एसजी) समूह ने अपनी सहायक कंपनी ईईडीएल के माध्यम से आधिकारिक तौर पर यूटी के बिजली विभाग को अपने हाथों में ले लिया है। अब शनिवार से बिजली विभाग के 860 कर्मचारी निजी कंपनी के कर्मचारी हो गए हैं, जबकि विरोध में 160 कर्मचारियों ने वीआरएस ले ली है। इसमें लाइनमैंन, जेई समेत कई कैटेगरी के मुलाजिम शामिल हैं।
प्रशासन ने 68 कर्मचारी अपने पास रखे हैं, जिनमें 22 दिव्यांग हैं। हस्तांतरित की जाने वाली संपत्तियों में 16 सब-डिवीजन कार्यालय, चार डिवीजन कार्यालय, एक सर्कल कार्यालय और एक नियंत्रण कक्ष शामिल हैं। विभाग का कार्यभार संभालने के बाद कंपनी बिजली बिल जारी करेगी और सभी हेल्पलाइन नंबरों का प्रबंधन करेगी। प्रशासन की तरफ से बताया गया कि ईईडीएल ने कर्मचारी सेवा शर्तों और पेंशन की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, आरक्षित मूल्य से कहीं ज्यादा 871 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बता दें कि प्रशासन ने विभाग की पूरी जमीन एक लाख रुपये की लीज पर दी है।
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चंडीगढ़ की बिजली हुई प्राइवेट: विरोध में 160 कर्मचारियों ने ली VRS, निजी कंपनी के हुए 860 कर्मचारी