चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि चंडीगढ़ का पुराना एयरपोर्ट टर्मिनल, जिस पर 40 करोड़ रुपये खर्च कर रिनोवेशन किया गया था, आज बेकार पड़ा है। अगर इसका दोबारा उपयोग शुरू होता है तो शहरवासियों को काफी राहत मिलेगी। अमर उजाला को दिए विशेष साक्षात्कार में उन्होंने यह बात कही।
प्रशासक ने कहा कि चंडीगढ़ का पुराना एयरपोर्ट टर्मिनल बहुत महत्वपूर्ण है। उसके रेनोवेशन पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च गए हैं और बाद में उसे डंप कर दिया गया। दूसरा एयरपोर्ट भी अपना ही है लेकिन पुराने टर्मिनल का सदुपयोग होना चाहिए। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री केआर नायडू से मुलाकात में पुराने टर्मिनल के बेहतर इस्तेमाल के लिए कई सुझाव दिए हैं।
उन्होंने कहा कि उसे किसी एयरलाइन को दिया जा सकता है, कोई हवाई पट्टी खोली जानी चाहिए या फिर दूसरे एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए लोगों को एक रास्ता दिया जा सकता है। उस एयरपोर्ट का टर्मिनल शुरू होगा तो लोगों को घूम कर दूसरे एयरपोर्ट पर नहीं जाना होगा। साथ ही नई इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू करने की बात कही है। कटारिया ने कहा कि वहां विभाग के सीनियर अधिकारी भी थे, तो उम्मीद है कि जल्द उचित निर्णय लिया जाएगा। कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से कुछ जगहों के लिए ट्रेन चलाने की बात कही, जो उन्होंने उसी दिन चलवा दी थी।
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चंडीगढ़ का पुराना एयरपोर्ट खोला जाए: अमर उजाला से प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने की खास बातचीत, पढ़ें इंटरव्यू