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चंडीगढ़ के हाई प्रोफाइल सिप्पी सिद्धू मर्डर केस में चंडीगढ़ पुलिस की इंस्पेक्टर पूनम दिलावरी पर गंभीर लापरवाही और सबूतों को खुर्द-बुर्द करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। जांच की जिम्मेदारी नॉर्थ ईस्ट के डीएस
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शनिवार को सिप्पी सिद्धू की मां दीपिंदर कौर सिद्धू मनीमाजरा थाना पहुंचीं और अपना बयान दर्ज करवाया। हालांकि उनका बेटा एडवोकेट जसमनप्रीत सिंह किसी काम से शहर से बाहर होने के कारण बयान दर्ज नहीं करवा सका। डीएसपी ने अब अगली तारीख 12 सितंबर तय की है, जब उसका बयान लिया जाएगा।
करीब 10 साल पुराने इस केस में कई मोड़ आ चुके हैं, लेकिन अब तक इसे लेकर पूरी सच्चाई सामने नहीं आ सकी है।
सिप्पी सिद्धू।
सीबीआई रिपोर्ट में खुलासा सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या के शुरुआती दिनों में जांच के दौरान कई अहम सबूत नष्ट कर दिए गए थे, जिससे केस की कड़ियां टूट गईं। यह रिपोर्ट 7 दिसंबर 2020 को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दाखिल की गई थी। कोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर पूनम दिलावरी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी।
हाई प्रोफाइल केस में बड़े आरोप 20 सितंबर 2015 की रात सेक्टर-27 के पार्क में एडवोकेट सिप्पी सिद्धू की गोलियों से हत्या कर दी गई थी। उस समय इंस्पेक्टर पूनम दिलावरी सेक्टर-26 थाने की एसएचओ थीं। सिप्पी के परिजनों का आरोप है कि चूंकि मामला हाईकोर्ट की रिटायर्ड जज की बेटी कल्याणी सिंह से जुड़ा था, इसलिए पुलिस ने ढंग से जांच नहीं की और सबूत नष्ट कर दिए।
जांच आगे बढ़ने के बाद केस को चंडीगढ़ पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने 2022 में कल्याणी सिंह को गिरफ्तार किया था। उन पर हत्या का केस चल रहा है और फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।
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चंडीगढ़ इंस्पेक्टर पूनम पर सबूत नष्ट करने के आरोप: सिप्पी सिद्धू मर्डर में विभागीय जांच शुरू, DSP विजय को जिम्मेदारी, 12 सितंबर को सुनवाई – Chandigarh News