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भाजपा नेता अनूप धानक
– फोटो : सोशल मीडिया
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परिसीमन के बाद 2009 में अस्तित्व में आई उकलाना विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा जीत का सूखा खत्म होने की उम्मीद लगाए बैठी है। वहीं, जजपा लगातार दूसरी जीत हासिल कर इस सीट पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है। जीत का सूखा खत्म करने के लिए चुनाव से ठीक पहले जजपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अनूप धानक को विरोध के बावजूद टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया है। आरक्षित सीट पर अनूप धानक 2014 और 2019 के दो चुनाव लगातार जीत चुके हैं। वे भी इस बार भाजपा के सहारे हैट्रिक बनाने की जुगत में हैं। यह दिगर बात है कि उन पर दलबदलू का ठपा लग चुका है। 2014 में इनेलो, 2019 में जजपा और इस बार भाजपा से चुनाव मैदान में हैं।
इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। तीन बार हुए चुनाव में एक बार कांग्रेस, एक बार जजपा और एक बार इनेलो ने जीत हासिल की है। पिछले दो चुनावों में भाजपा दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में इस बार भाजपा को अनूप धानक से ही कमल खिलाने की उम्मीद है। हालांकि अभी कांग्रेस, इनेलो, जजपा की ओर से उम्मीदवार मैदान में आने बाकी हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के चुनाव में आशा देवी खेदड़ को मैदान में उतारा था। इस बार इनेलो तथा जजपा से विधायक बन चुके अनूप धानक को अपनी पार्टी में शामिल कर अपना प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। टिकट मिलने से मात्र तीन दिन पहले भाजपा में शामिल होने वाले अनूप का कुछ स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ता ही विरोध कर रहे हैं। उनकाे टिकट देने के विरोध में भाजपा की पूर्व प्रत्याशी सीमा देवी पार्टी छोड़ चुकी हैं।
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ग्राउंड रिपोर्ट उकलाना: अनूप धानक पर दांव खेलकर पहली जीत की आस में BJP, JJP के सामने जीत बरकरार रखने की चुनौती