गुड़ियों से खेलने नहीं दिया, क्योंकि गुड़िया खेलने की चीज नहीं होती


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भिवानी। महाराजा अग्रसेन जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष किया। सम्मेलन का आयोजन टिबड़ेवाल सभागार में किया गया। जयंती संयोजक सुरेंद्र जैन एडवोकेट व अग्रवाल सभा के कंवीनर संदीप अग्रवाल मुन्ना ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मंच का संचालन पवन अग्रवाल ने किया। कवि सम्मेलन में कविता पाठ का संचालन वरिष्ठ कवि चिराग जैन ने किया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि विधायक घनश्याम सर्राफ ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती व महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कविता पाठ की शुरुआत कवयित्री प्रीति अग्रवाल ने मां सरस्वती की वंदना से की।
उन्होंने कहा कि हमें सदज्ञान दो माता, हमारी झोलियां भर दो। उन्होंने वीर रस की कविता का गायन करते हुए कविता में कहा कि भरा ना जोश हो जिसमें, वो जवानी कैसी है।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आए कवि रसिक गुप्ता ने कुदरत ने श्रृष्टि चक्र नहीं संभाला होता, आज हमसे मां-बाप संभाले नहीं जाते… सुनाई। राजस्थान से आए विनीत चौहान ने हम प्राण हथेली पर लेकर दिल में अहसास लिए बैठे हैं, जीवन जीने की खातिर हम मृत्यु को प्यार कर बैठे हैं। कवि चिराग जैन ने हास्य रस की कविताओं के साथ-साथ व्यंग्य की कविताएं सुनाकर भी श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया।
उन्होंने कहा कि इन्हीं बिगड़े दिमागों में कही खुशियों के लच्छे है, हमें पागल ही रहने दो। उन्होंने व्यंग्य करते हुए महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर कविता गायन किया कि मेरे पिता ने कभी गुड़ियों से मुझे नहीं खेलने दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि गुड़ियां खेलने की चीज नहीं होती।
कवि अरुण जैमिनी ने हरियाणवी व हिंदी व्यंग्य कविताओं के माध्यम से राजनीति पर कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि आज सरकार में दल बदलते हैं, चरित्र नहीं बदलते। मुख्यातिथि विधायक घनश्याम सर्राफ ने सभी आयोजकों को बेहतर आयोजन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता बृजलाल सर्राफ ने की। अतिविशिष्ट अतिथि एसडीएम संदीप अग्रवाल रहे। कार्यक्रम में अशोक बुवानीवाला, सुरेश गुप्ता, वेदप्रकाश गुप्ता, मनीष सर्राफ, अजय गुप्ता, सुमित, हिमांशु गर्ग, रवि गर्ग, बजरंग बहलिया, रामदेव तायल, नरेश मीनू अग्रवाल, अनिल शंघई, सुशील कुंगड़िया, प्रदीप गोयल, रमेश बंसल, प्रदीप बंसल, संजय कसेरा, मुकेश बंसल, सुमित खेमका, नितिन बासिया, पंकज कसेरा, प्रवीण रामा गर्ग, विजय किशन धारेडू, पवन बुवानीवाला आदि मौजूद रहे।

भिवानी। महाराजा अग्रसेन जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष किया। सम्मेलन का आयोजन टिबड़ेवाल सभागार में किया गया। जयंती संयोजक सुरेंद्र जैन एडवोकेट व अग्रवाल सभा के कंवीनर संदीप अग्रवाल मुन्ना ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मंच का संचालन पवन अग्रवाल ने किया। कवि सम्मेलन में कविता पाठ का संचालन वरिष्ठ कवि चिराग जैन ने किया।

इससे पूर्व मुख्य अतिथि विधायक घनश्याम सर्राफ ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती व महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कविता पाठ की शुरुआत कवयित्री प्रीति अग्रवाल ने मां सरस्वती की वंदना से की।

उन्होंने कहा कि हमें सदज्ञान दो माता, हमारी झोलियां भर दो। उन्होंने वीर रस की कविता का गायन करते हुए कविता में कहा कि भरा ना जोश हो जिसमें, वो जवानी कैसी है।

वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आए कवि रसिक गुप्ता ने कुदरत ने श्रृष्टि चक्र नहीं संभाला होता, आज हमसे मां-बाप संभाले नहीं जाते… सुनाई। राजस्थान से आए विनीत चौहान ने हम प्राण हथेली पर लेकर दिल में अहसास लिए बैठे हैं, जीवन जीने की खातिर हम मृत्यु को प्यार कर बैठे हैं। कवि चिराग जैन ने हास्य रस की कविताओं के साथ-साथ व्यंग्य की कविताएं सुनाकर भी श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया।

उन्होंने कहा कि इन्हीं बिगड़े दिमागों में कही खुशियों के लच्छे है, हमें पागल ही रहने दो। उन्होंने व्यंग्य करते हुए महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर कविता गायन किया कि मेरे पिता ने कभी गुड़ियों से मुझे नहीं खेलने दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि गुड़ियां खेलने की चीज नहीं होती।

कवि अरुण जैमिनी ने हरियाणवी व हिंदी व्यंग्य कविताओं के माध्यम से राजनीति पर कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि आज सरकार में दल बदलते हैं, चरित्र नहीं बदलते। मुख्यातिथि विधायक घनश्याम सर्राफ ने सभी आयोजकों को बेहतर आयोजन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता बृजलाल सर्राफ ने की। अतिविशिष्ट अतिथि एसडीएम संदीप अग्रवाल रहे। कार्यक्रम में अशोक बुवानीवाला, सुरेश गुप्ता, वेदप्रकाश गुप्ता, मनीष सर्राफ, अजय गुप्ता, सुमित, हिमांशु गर्ग, रवि गर्ग, बजरंग बहलिया, रामदेव तायल, नरेश मीनू अग्रवाल, अनिल शंघई, सुशील कुंगड़िया, प्रदीप गोयल, रमेश बंसल, प्रदीप बंसल, संजय कसेरा, मुकेश बंसल, सुमित खेमका, नितिन बासिया, पंकज कसेरा, प्रवीण रामा गर्ग, विजय किशन धारेडू, पवन बुवानीवाला आदि मौजूद रहे।

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