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30 सितंबर को हुई बैठक में हाथापाई का दृश्य।
चंडीगढ़ नगर निगम में 30 सितंबर को हुई बैठक के दौरान पार्षदों के बीच हुई हाथापाई का मुद्दा अब गर्वनर हाउस पहुंच गया है। नगर निगम मेयर हरप्रीत कौर बबला ने इस संबंधी एक पत्र गर्वनर गुलाब चंद कटारिया को लिखकर इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है।
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उनका कहना है कि नगर निगम की बैठक के दौरान पार्षदों ने हंगामा करके ओर पैरलल सदन चलाकर बेहद गलत काम किया है, इससे चंडीगढ़ निवासियों के लिए बनाई गई योजनाओं को लागू करने में बाधा पड़ी है।मेयर ने पत्र लिखते हुए कहा कि मैं आपको अत्यंत निराशा और गहरी चिंता के साथ यह औपचारिक रूप से सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि मंगलवार 30 सितंबर को हुई 353वीं नगर निगम की आम सभा की बैठक के दौरान क्या हुआ।
चार विशिष्ट पार्षदों प्रेम लता (आप), जसबीर सिंह बंटी (कांग्रेस), तरुना मेहता (कांग्रेस), और सचिन गालिब (कांग्रेस) का आचरण अपमानजनक था, जो इस सम्मानित लोकतांत्रिक निकाय की गरिमा और कामकाज को कमजोर करने का एक सुनियोजित प्रयास किया है।
पार्षदों की तरफ से घंटों तक अराजकता फैलाई गई है। पार्षदों की तरफ से सदन में उपद्रव किया गया है और सदन की कार्यवाही की आधिकारिक प्रतियों को फाड़ दिया और फटे हुए कागजात को महापौर के मंच पर अधिकारियों और सदन के वेल में भी फेंका है। उन्हें रोकने के लिए मार्शल तक बुलाने पड़े थे। इस दौरान मार्शलों और पार्षदों, जिनमें शारीरिक धक्का-मुक्की भी की है।
मेयर ने लिखा – बंटी का अलग सदन चलाना भी गलत
गवर्नर को लिखे पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने सदन के वेल में एक समानांतर बैठक करके और सत्र स्थगित होने के दौरान मेयर की भूमिका निभाते हुए अध्यक्ष के अधिकार को हड़पने का प्रयास किया, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्था की प्रतिष्ठा का मजाक उड़ाने वाला था मेयर ने मांग उठाई है कि इस घटना पर ध्यान दें और सबसे कठोर कार्रवाई करें ताकि स्पष्ट मिसाल कायम की जा सके कि इस तरह के व्यवहार को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
क्या है निगम में हाथापाई की असल वजह?
दरअसल मनीमाजरा में नगर निगम की करीबन 7.7 एकड़ जमीन को रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट विकास के लिए आक्शन किया जाना है। इसे लिए एजेंडा मीटिंग में लाया गया था। मगर यह एजेंडा पार्षदों का तय समय में नहीं दिया गया। यही नहीं पार्षदों ने पूरे प्रोजेक्ट पर सवाल भी उठाए और कहा कि यह कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। हंगामा बढ़ने के बाद मेयर ने आठ पार्षदों की कमेटी भी बना दी थी और इसमें से चार इस्तीफा भी दे चुके हैं। यहां पढ़ें 30 सितंबर की बैठक में हुआ क्या था…
- नगर निगम हाउस की बैठक में शुरू से ही हंगामाः चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक की शुरुआत में ही माहौल गरमा गया। कांग्रेस पार्षदों ने एजेंडे की कॉपी लहराते हुए विरोध जताना शुरू कर दिया। उन्होंने मेयर की तरफ पर्चे फेंके और नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में भाजपा पार्षद भी खड़े हो गए।
- मेयर और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी बहसः कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गब्बी जब बोलने लगे तो मेयर हरप्रीत कौर बबला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वे शहर को बदनाम कर रहे हैं। मेयर ने गब्बी का भाषण रिकॉर्ड करने की बात कही और उन पर इंटरनेशनल अवॉर्ड का अपमान करने का आरोप लगाया।
- पार्षदों को जबरन बाहर निकाला गयाः हंगामे के बीच मेयर ने सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुण मेहता, AAP पार्षद प्रेमलता और कांग्रेस पार्षद सचिन गालव को बाहर निकालने के आदेश दे दिए। इसके बाद मार्शलों ने इन पार्षदों को जबरदस्ती बाहर निकाला, जिससे धक्कामुक्की की स्थिति बन गई।
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गवर्नर हाउस पहुंचा निगम बैठक में हाथापाई का मुद्दा: चंडीगढ़ मेयर का 4 पार्षदों के खिलाफ राज्यपाल को पत्र, कठोर कार्रवाई की मांग – Chandigarh News