गबन के आरोपी एक्सईएन को बिजली निगम ने किया सस्पेंड, सीआइए ने लिया छह दिन का रिमांड


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यमुनानगर। बिजली निगम में करोड़ों रुपये गबन करने के आरोपी एक्सईएन यमुनानगर कुलवंत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार दोपहर बाद इस संबंध में आदेश जारी किए गए। इससे पहले बृहस्पतिवार को पानीपत सीआईए-टू ने एक्सईएन और लाइनमैन सोनू को गिरफ्तार कर छह दिन के रिमांड पर लिया है। दोनों आरोपियों से पूछताछ के साथ ही गबन की गई राशि की रिकवरी की जानी है।
पुलिस के अनुसार अभी तक की जांच में सामने आया है कि कुलवंत सिंह एक लाख रुपये के फर्जी वाउचर साइन करने पर 25 प्रतिशत कमीशन लेता था। पानीपत सीआईए-टू के इंचार्ज वीरेंद्र दुहन ने बताया कि एक्सईएन और लाइनमैन को छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
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गिरफ्तारी से एक दिन पहले लाइनमैन का हुआ था ट्रांसफर
लाइनमैन सोनू का ट्रांसफर गिरफ्तारी से एक दिन पहले 15 जून को ही जगाधरी डिवीजन से छछरौली सब डिवीजन में किया गया था। इसके बाद 16 जून को सीआईए ने सोनू को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल लाइनमैन होते हुए भी सोनू एक्सईएन जगाधरी कार्यालय में क्लर्क के रूप में काम कर रहा था, जबकि लाइनमैन का काम फील्ड का होता है।
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एसई ने एमडी को दी गिरफ्तारी की सूचना
बिजली निगम के एसई राजेंद्र कुमार ने एक्सईएन कुलवंत सिंह और लाइनमैन सोनू की गिरफ्तारी की सूचना शुक्रवार को बिजली निगम के एमडी को दी गई। इस बारे में उन्होंने एमडी को पत्र लिखा है। वहीं ऑडिट टीम भी 2018 से 2022 तक किए गए ऑडिट की नकल अपने साथ लेकर गई है। इस रिकॉर्ड को भी एमडी को सौंपा जाएगा।
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49.29 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा पकड़ा
बिजली निगम में हुए फर्जीवाड़े के बाद जगाधरी डिवीजन में 2018 से 2022 तक का ऑडिट कराया गया। ऑडिट में 49.28 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है। यह गबन बिजली निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य फंडों में किया गया है। गबन में एक्सईएन जगाधरी कार्यालय के सात से आठ कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से सात कर्मचारियों और बिलासपुर व जगाधरी के एक्सईएन की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि एक सेवानिवृत्त एक्सईएन संजीव गुप्ता का नाम भी मामले में आया है, जिन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है।

यमुनानगर। बिजली निगम में करोड़ों रुपये गबन करने के आरोपी एक्सईएन यमुनानगर कुलवंत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार दोपहर बाद इस संबंध में आदेश जारी किए गए। इससे पहले बृहस्पतिवार को पानीपत सीआईए-टू ने एक्सईएन और लाइनमैन सोनू को गिरफ्तार कर छह दिन के रिमांड पर लिया है। दोनों आरोपियों से पूछताछ के साथ ही गबन की गई राशि की रिकवरी की जानी है।

पुलिस के अनुसार अभी तक की जांच में सामने आया है कि कुलवंत सिंह एक लाख रुपये के फर्जी वाउचर साइन करने पर 25 प्रतिशत कमीशन लेता था। पानीपत सीआईए-टू के इंचार्ज वीरेंद्र दुहन ने बताया कि एक्सईएन और लाइनमैन को छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

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गिरफ्तारी से एक दिन पहले लाइनमैन का हुआ था ट्रांसफर

लाइनमैन सोनू का ट्रांसफर गिरफ्तारी से एक दिन पहले 15 जून को ही जगाधरी डिवीजन से छछरौली सब डिवीजन में किया गया था। इसके बाद 16 जून को सीआईए ने सोनू को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल लाइनमैन होते हुए भी सोनू एक्सईएन जगाधरी कार्यालय में क्लर्क के रूप में काम कर रहा था, जबकि लाइनमैन का काम फील्ड का होता है।

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एसई ने एमडी को दी गिरफ्तारी की सूचना

बिजली निगम के एसई राजेंद्र कुमार ने एक्सईएन कुलवंत सिंह और लाइनमैन सोनू की गिरफ्तारी की सूचना शुक्रवार को बिजली निगम के एमडी को दी गई। इस बारे में उन्होंने एमडी को पत्र लिखा है। वहीं ऑडिट टीम भी 2018 से 2022 तक किए गए ऑडिट की नकल अपने साथ लेकर गई है। इस रिकॉर्ड को भी एमडी को सौंपा जाएगा।

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49.29 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा पकड़ा

बिजली निगम में हुए फर्जीवाड़े के बाद जगाधरी डिवीजन में 2018 से 2022 तक का ऑडिट कराया गया। ऑडिट में 49.28 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है। यह गबन बिजली निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य फंडों में किया गया है। गबन में एक्सईएन जगाधरी कार्यालय के सात से आठ कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से सात कर्मचारियों और बिलासपुर व जगाधरी के एक्सईएन की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि एक सेवानिवृत्त एक्सईएन संजीव गुप्ता का नाम भी मामले में आया है, जिन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है।

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