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वहीं से दोनों की पहचान हुई थी। वह रविवार को उनकी गली से गुजर रहे थे तो उनके घर डाटा केबल लेने चले गए। इसी दौरान उन्होंने गली में अपनी बाइक खड़ी की थी। जिसे लेकर कुलदीप के परिवार के साथ झगड़ा हो गया। जिसमें वंश की जान ही चली गई।
नेशनल स्तर पर चांदी व राज्य स्तर पर जीत चुके सोना
वंश मलिक उत्कृष्ट पावर लिफ्टर थे। वह बेंच प्रेस में नेशनल स्तर पर चांदी जीत चुके थे। गोल्डी जिम के संचालक गोल्डी बताते हैं कि वह बेहतर खिलाड़ी थे। उन्होंने दो साल पहले दिल्ली में हुई नेशनल बेंच प्रेस स्पर्धा में सोना जीता था। उससे पहले सोनीपत के बीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह सोना जीत चुके थे। वह जिला स्तर पर भी सोना जीत चुके थे।
पढ़ाई व खेल के साथ परिवार का करता था पालन
वंश मलिक पढ़ाई व खेलों के साथ ही परिवार की तरफ से चलाई जा रही दूध डेयरी में काम करते थे। परिवार दूध बेचकर बेहतर गुजर बसर कर रहा था। इसमें वंश सदैव आगे रहते थे।
पिता बीमार होने के चलते अस्पताल में थे दाखिल
बताया जा रहा है कि वंश के पिता बीमार होने के चलते अस्पताल में दाखिल थे। उनका ऑपरेशन होना था। उससे पहले ही बेटे की हत्या कर दी गई। ऐसे में परिवार के सदस्य उन्हें घर ले आए। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।
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