खरीद में नई शर्तों से मिलर खफा


25-कैथल। चंडीगढ़ में अधिकारियों से मिलने पहुंचे राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत छाबड़?

25-कैथल। चंडीगढ़ में अधिकारियों से मिलने पहुंचे राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत छाबड़?
– फोटो : Kaithal

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कैथल। सरकार ने धान की सरकारी खरीद शुरू होने से महज एक दिन पहले नई नीति जारी की है। इस नीति में मिलरों के लिए कई नई शर्तें जोड़ी हैं। मिलरों में नई शर्तों को लेकर रोष है। इस पर राइस मिलर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल नई शर्तों को वापस करवाने की मांग लेकर चंडीगढ़ पहुंच गया।
देर सायं तक 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख की गई एफडी को फिर से दस लाख व बोनस राशि जारी करवाने पर अधिकारी सहमत हो गए। सिक्योरिटी राशि को डेढ़ प्रतिशत किए जाने को लेकर बातचीत जारी है। डीएफएसी का दावा है कि खरीद की सारी तैयारियां पूरी हैं। अनाज मंडियों में सरकार की तरफ से खरीदी जाने वाली मोटी धान की आवक शुरू हो चुकी है। मोटा धान इस समय न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बिक रहा है।
सरकार ने एक अक्तूबर से धान की सरकारी खरीद करने की जो घोषणा की है। इससे महज एक दिन पहले ही वीरवार रात को नई खरीद नीति जारी की, जो शुक्रवार सुबह तक मिलर्स को मिल सकी। इस पॉलिसी में मिलर्स के लिए तीन नई शर्तें जोड़ी हैं। हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि सरकार ने पेडी पॉलिसी में मिलर्स के लिए सिक्योरिटी राशि को बढ़ाकर एक प्रतिशत से डेढ़ व डेढ़ से ढाई प्रतिशत कर दिया है, जिससे मिलर्स पर बीस से पच्चीस लाख का बोझ पड़ेगा।
इसके अलावा मिलर्स को चावल का भुगतान करने के लिए मई की बजाए अप्रैल तक का समय दिया है। जिन मिलर्स ने समय पर अपने चावल का भुगतान कर दिया था। उन मिलर्स को राहत दी जानी चाहिए। इन बातों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को ही चंडीगढ़ में अधिकारियों से मिला। उन्होंने बताया 10 लाख से 25 लाख तक बढ़ाई गई एफडी को फिर से 10 लाख रखने व बोनस राशि जारी करने पर सहमति हो गई है। अब डेढ़ प्रतिशत तक बढ़ाई गई सिक्योरिटी राशि पर बातचीत जारी है।
दूसरी ओर मंडियों में विभिन्न एजेंसियों को मिलर्स के अलॉटमेंट का काम शुक्रवार को किया। देर सायं तक भी सभी मिलें एजेंसियों को अलॉट नहीं हो पाई थीं। साथ ही पिछले साल की तरह से चीका व कैथल के मिलर्स के बीच कैथल अनाज मंडी से खरीद करने को लेकर हुए विवाद को लेकर शुक्रवार सायं तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। किसान नेता महावीर नरड़ ने कहा कि यदि प्रशासन ने सभी मंडियों में चीका के राइस मिलर्स की खरीद शुरू नहीं करवाई तोआंदोलन करेंगे।
तमाम अधूरी तैयारियों के बीच डीएफएससी प्रमोद शर्मा ने दावा किया कि शनिवार को हर हाल में सरकारी खरीद होगी। एजेंसियों को मंडियां व मिलर्स की अलॉटमेंट कर दी गई है। मिलर्स को यदि नई नीति में कोई दिक्कत है तो इस बारे में उन्हें नहीं पता। उन्होंने स्वीकार किया कि चीका मिलर्स द्वारा कैथल में खरीद के संबंध में अभी फैसला नहीं हो पाया है। इन खामियों को स्वीकार करने के बावजूद उन्होंने दावा किया कि एक अक्तूबर से खरीद की सभी तैयारियां हैं और सरकारी खरीद समय पर की जाएगी।
मार्केट कमेटी सचिव सतबीर राविश ने कहा कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। पीआर धान का एमएसपी 2060 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि यदि शनिवार से सरकारी खरीद शुरू नहीं भी होती है तो निजी खरीदार अच्छी गुणवत्ता वाले इस धान को इस समय 2200 रुपये प्रति क्विंटल तक में खरीद रहे हैं।

कैथल। सरकार ने धान की सरकारी खरीद शुरू होने से महज एक दिन पहले नई नीति जारी की है। इस नीति में मिलरों के लिए कई नई शर्तें जोड़ी हैं। मिलरों में नई शर्तों को लेकर रोष है। इस पर राइस मिलर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल नई शर्तों को वापस करवाने की मांग लेकर चंडीगढ़ पहुंच गया।

देर सायं तक 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख की गई एफडी को फिर से दस लाख व बोनस राशि जारी करवाने पर अधिकारी सहमत हो गए। सिक्योरिटी राशि को डेढ़ प्रतिशत किए जाने को लेकर बातचीत जारी है। डीएफएसी का दावा है कि खरीद की सारी तैयारियां पूरी हैं। अनाज मंडियों में सरकार की तरफ से खरीदी जाने वाली मोटी धान की आवक शुरू हो चुकी है। मोटा धान इस समय न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बिक रहा है।

सरकार ने एक अक्तूबर से धान की सरकारी खरीद करने की जो घोषणा की है। इससे महज एक दिन पहले ही वीरवार रात को नई खरीद नीति जारी की, जो शुक्रवार सुबह तक मिलर्स को मिल सकी। इस पॉलिसी में मिलर्स के लिए तीन नई शर्तें जोड़ी हैं। हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि सरकार ने पेडी पॉलिसी में मिलर्स के लिए सिक्योरिटी राशि को बढ़ाकर एक प्रतिशत से डेढ़ व डेढ़ से ढाई प्रतिशत कर दिया है, जिससे मिलर्स पर बीस से पच्चीस लाख का बोझ पड़ेगा।

इसके अलावा मिलर्स को चावल का भुगतान करने के लिए मई की बजाए अप्रैल तक का समय दिया है। जिन मिलर्स ने समय पर अपने चावल का भुगतान कर दिया था। उन मिलर्स को राहत दी जानी चाहिए। इन बातों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को ही चंडीगढ़ में अधिकारियों से मिला। उन्होंने बताया 10 लाख से 25 लाख तक बढ़ाई गई एफडी को फिर से 10 लाख रखने व बोनस राशि जारी करने पर सहमति हो गई है। अब डेढ़ प्रतिशत तक बढ़ाई गई सिक्योरिटी राशि पर बातचीत जारी है।

दूसरी ओर मंडियों में विभिन्न एजेंसियों को मिलर्स के अलॉटमेंट का काम शुक्रवार को किया। देर सायं तक भी सभी मिलें एजेंसियों को अलॉट नहीं हो पाई थीं। साथ ही पिछले साल की तरह से चीका व कैथल के मिलर्स के बीच कैथल अनाज मंडी से खरीद करने को लेकर हुए विवाद को लेकर शुक्रवार सायं तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। किसान नेता महावीर नरड़ ने कहा कि यदि प्रशासन ने सभी मंडियों में चीका के राइस मिलर्स की खरीद शुरू नहीं करवाई तोआंदोलन करेंगे।

तमाम अधूरी तैयारियों के बीच डीएफएससी प्रमोद शर्मा ने दावा किया कि शनिवार को हर हाल में सरकारी खरीद होगी। एजेंसियों को मंडियां व मिलर्स की अलॉटमेंट कर दी गई है। मिलर्स को यदि नई नीति में कोई दिक्कत है तो इस बारे में उन्हें नहीं पता। उन्होंने स्वीकार किया कि चीका मिलर्स द्वारा कैथल में खरीद के संबंध में अभी फैसला नहीं हो पाया है। इन खामियों को स्वीकार करने के बावजूद उन्होंने दावा किया कि एक अक्तूबर से खरीद की सभी तैयारियां हैं और सरकारी खरीद समय पर की जाएगी।

मार्केट कमेटी सचिव सतबीर राविश ने कहा कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। पीआर धान का एमएसपी 2060 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि यदि शनिवार से सरकारी खरीद शुरू नहीं भी होती है तो निजी खरीदार अच्छी गुणवत्ता वाले इस धान को इस समय 2200 रुपये प्रति क्विंटल तक में खरीद रहे हैं।

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