[ad_1]

ई-सिगरेट में तंबाकू नहीं होता, बल्कि इसमें निकोटीन लिक्विड, फ्लेवर और अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है.

ई-सिगरेट में एक हीटिंग एलिमेंट होता है, जो निकोटीन युक्त लिक्विड को गर्म करता है. इसके बाद स्मोक जैसा दिखने वाला वेपर तैयार होता है, जिसे यूजर इनहेल करता है. इसको वेपिंग कहते हैं.

ई-सिगरेट की कई वैरायटी मौजूद हैं, जैसे पेन-शेप, यूएसबी स्टिक जैसी डिवाइस या पॉड-बेस्ड डिवाइस. लोग इसको अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदते और यूज करते हैं.

हालांकि इसका यह कतई मतलब नहीं है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है. WHO और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जैसी संस्थाओं ने ई-सिगरेट को पूरी तरह सुरक्षित मानने से इनकार किया है.

भारत समेत कई देशों ने ई-सिगरेट की बिक्री और विज्ञापन पर रोक लगाई है. सरकार का कहना है कि यह पब्लिक हेल्थ के लिए बड़ा खतरा है और युवा पीढ़ी को नशे की तरफ धकेल सकता है.
Published at : 23 Oct 2025 07:48 AM (IST)
[ad_2]
क्या होती है ई- सिगरेट, जानें यह नॉर्मल सिगरेट से कितनी खतरनाक?

