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क्या वेजिटेबल जूस में मिला सकते हैं फ्रूट्स, क्या यह सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक? Health Updates

क्या वेजिटेबल जूस में मिला सकते हैं फ्रूट्स, क्या यह सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक? Health Updates

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कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कच्ची सब्जियों का जूस पीना पसंद करते हैं. फिटनेस फ्रिक वाले लोग हरी सब्जियों को ज्यादा से ज्यादा अपनी डाइट में शामिल करते हैं. ऐसे डाइट लेने वाले समर्थकों का दावा है कि कच्ची सब्ज़ियों में कई जरूरी विटामिन और खनिज होते हैं जो खाना पकाने के दौरान खत्म हो जाते हैं और ये इम्युनिटी को बढ़ाने और बीमारियों को रोकने के लिए बहुत बढ़िया हैं. यह बात सही हो सकती है लेकिन किसी भी चीज़ को हद से ज्यादा खाना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. 

सर्दियां आ रही हैं और यह वह मौसम है जब हरी पत्तेदार सब्जियां काफी ज्यादा मार्केट में होती हैं और लोग हर संभव दिलचस्प तरीके से उन्हें अपने आहार में शामिल करके उनका अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करते हैं. कुछ लोग इस मौसम में कच्ची सब्जियों का जूस पीना भी पसंद करते हैं. लेकिन क्या ये सभी वाकई सेहतमंद और सुरक्षित हैं? आपको हरी सब्जियां किस तरह खानी चाहिए – उन्हें पकाकर या कच्चे रूप में खाकर. आयुर्वेद और आंत स्वास्थ्य कोच डॉ. डिंपल जांगडा ने अपने हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा है कि अधिक मात्रा में कच्चे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट में कुछ संक्रमण या अपच का खतरा हो सकता है.

पके हुए भोजन की तुलना में कच्चे खाद्य पदार्थों को पचाना शरीर के लिए अधिक कठिन होता है, क्योंकि पके हुए भोजन पहले से ही गर्मी, मसालों और पकाने की विधि से टूट जाते हैं. वे अवशोषण के लिए अधिक जैविक रूप से उपलब्ध होते हैं और पाचन अग्नि पर तनाव को कम करते हैं. कुछ कच्चे खाद्य पदार्थों में एंटी-पोषक तत्व भी होते हैं जो वास्तव में खाद्य पदार्थों के पोषण अवशोषण को पूरी तरह से अवरुद्ध कर देते हैं.हल्का खाना पकाने की सलाह दी जाती है.

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विशेषज्ञ कहते हैं, यदि आप मतली, थकान, चक्कर आना, पेट फूलना, दस्त या आईबीएस जैसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपका शरीर आपसे बात कर रहा है. आयुर्वेद बड़ी मात्रा में कच्चे खाद्य पदार्थों या ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह नहीं देता है, क्योंकि वे परजीवियों का घर होते हैं, जिन्हें केवल धोने से नष्ट नहीं किया जा सकता है.

कच्ची सब्ज़ियां जिनसे बचना चाहिए

1. कच्चे पालक, चार्ड, फूलगोभी में ऑक्सालेट होते हैं जो किडनी स्टोन को खराब कर सकते हैं या बना सकते हैं और बड़ी मात्रा में खाने पर आयरन, कैल्शियम अवशोषण को भी रोक सकते हैं.

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2. कच्चे केल में गोइट्रोजन होते हैं जो बड़ी मात्रा में थायरॉयड फ़ंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं.

3. बड़ी मात्रा में गोभी, ब्रोकोली जैसी कच्ची क्रूसिफेरस सब्ज़ियाँ थायरॉयड ग्रंथि को बाधित कर सकती हैं.

4. कच्चे केल या बोक चोय को कच्चा खाने पर कुछ लोगों में सूजन हो सकती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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