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एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल आमतौर पर बैक्टीरिया के इंफेक्शन (Infection) को कम करने और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने के लिए किया जाता है.जब भी किसी इंसान को कोई फ्लू या वायरस होता है, तो नॉर्मल मेडिसिन के साथ एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवा भी दी जाती हैं.लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में इसके गंभीर साइड इफेक्ट सामने आए हैं.
![दरअसल, सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, साउथ कोरिया के रिसचर्स ने बताया है कि एंटीबायोटिक का लंबे समय तक सेवन करने से एक गंभीर दिमागी रोग (Parkinson's disease) हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कैसे एंटीबायोटिक आपके दिमाग को प्रभावित कर सकती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/e2064c39a1a6ab9a7485b0b2aa0f1d6b68efd.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दरअसल, सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, साउथ कोरिया के रिसचर्स ने बताया है कि एंटीबायोटिक का लंबे समय तक सेवन करने से एक गंभीर दिमागी रोग (Parkinson’s disease) हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कैसे एंटीबायोटिक आपके दिमाग को प्रभावित कर सकती है.
![सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने 40 और उससे ज्यादा उम्र के 298379 लोगों पर रिसर्च की. जिन्होंने 1 साल तक एंटीबायोटिक का सेवन किया, स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने 121 दिन से ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक का सेवन किया, उनमें पार्किंसंस रोग का जोखिम 29% बढ़ जाता है और जो लोग 121 दिन या उससे ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक का उपयोग करते थे, उनमें पार्किंसंस रोग का खतरा 37 प्रतिशत तक बढ़ गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/a826485f7f7227751a1fa5cd29cf12ca7c37d.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने 40 और उससे ज्यादा उम्र के 298379 लोगों पर रिसर्च की. जिन्होंने 1 साल तक एंटीबायोटिक का सेवन किया, स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने 121 दिन से ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक का सेवन किया, उनमें पार्किंसंस रोग का जोखिम 29% बढ़ जाता है और जो लोग 121 दिन या उससे ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक का उपयोग करते थे, उनमें पार्किंसंस रोग का खतरा 37 प्रतिशत तक बढ़ गया.
![एक्सपर्ट्स का मानना है कि एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी के साथ विशेषज्ञों की राय पर ही करना चाहिए और लंबे समय तक एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए. साधारण फ्लू या वायरस को आप नॉर्मल मेडिसिन से भी कम कर सकते हैं. बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक का सेवन करना ओवरऑल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है, खासकर जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या बच्चों को एंटीबायोटिक विशेषज्ञों से पूछ कर ही देना चाहिए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/b230e5a744ceb631929edca04676223f0d935.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
एक्सपर्ट्स का मानना है कि एंटीबायोटिक का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी के साथ विशेषज्ञों की राय पर ही करना चाहिए और लंबे समय तक एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करना चाहिए. साधारण फ्लू या वायरस को आप नॉर्मल मेडिसिन से भी कम कर सकते हैं. बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक का सेवन करना ओवरऑल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है, खासकर जिन लोगों की उम्र ज्यादा है या बच्चों को एंटीबायोटिक विशेषज्ञों से पूछ कर ही देना चाहिए.
![पार्किंसंस रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो हमारे ओवरऑल हेल्थ पर बुरा असर डालता है. इसे हाथों में कपकपी आना, मांसपेशियों का कठोर होना, बैलेंस बनाने में समस्या होना आम लक्षण है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/1c3c13305a2b4c02e95c491903fde09a251fc.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पार्किंसंस रोग एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो हमारे ओवरऑल हेल्थ पर बुरा असर डालता है. इसे हाथों में कपकपी आना, मांसपेशियों का कठोर होना, बैलेंस बनाने में समस्या होना आम लक्षण है.
![दरअसल, यह दिमाग में डोपामाइन नाम के रसायन की कमी के कारण होते हैं, जो मांसपेशियों की गति को कंट्रोल करते हैं. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि एंटीबायोटिक का उपयोग करने से आंत के माइक्रोबायोटा में बदलाव हो सकता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/12/03/c48af419b9d83d0371c38fdfbc33d905cfda4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दरअसल, यह दिमाग में डोपामाइन नाम के रसायन की कमी के कारण होते हैं, जो मांसपेशियों की गति को कंट्रोल करते हैं. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि एंटीबायोटिक का उपयोग करने से आंत के माइक्रोबायोटा में बदलाव हो सकता है.
Published at : 03 Dec 2024 04:29 PM (IST)
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क्या आप भी थोड़ी सी बीमारी में खा लेते हैं एंटीबायोटिक तो हो जाएं सावधान!