कोरोना संक्रमण फिर बढ़ा, एक साथ मिले नौ केस


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कोरोना दबे पांव फिर आक्रामक होने लगा है। इस बार भी पीजीआई के चिकित्सकों को लक्ष्य बनाया है। यहां पिछले चार दिन में सात चिकित्सकों समेत पीजीआई के आठ कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। यही नहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के नौ संक्रमित मिले। इसके बावजूद लोग मास्क से परहेज कर रहे हैं। अमर उजाला ने बुधवार को पीजीआई, सामान्य अस्पताल, बाजार व सार्वजनिक स्थानों की स्थिति जानने के लिए दौरा किया तो यह स्थिति सामने आई। लोगों की यह लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है।
अमर उजाला की टीम ने बुधवार दोपहर 12 बजे पीजीआई की ओपीडी में पहुंची। यहां विभिन्न विभागों का दौरा किया तो चिकित्सक बगैर मास्क लगाए मरीजों की जांच करते नजर आए। डॉक्टरों के कमरों के बाहर बैठी मरीजों की भीड़ भी बिना मास्क व सामाजिक दूरी के दिखाई दी। ओपीडी के हड्डी रोग, मेडिसन विभाग, स्पेशल ओपीडी समेत विभिन्न विभागों के अलावा आपात विभाग में भी यही हाल रहा। मरीजों से अटे पड़े आपात विभाग के तीन नंबर कमरे में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। संस्थान के बाद बाद टीम सिविल अस्पताल व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पहुंची तो यहां भी यही हाल रहा।
हाई रिस्क पर है पीजीआई
पीजीआई में सात चिकित्सक और एक कर्मचारी के संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इसकी वजह रोजाना करीब छह हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें से करीब तीन हजार मरीज नए होते हैं। इसके अलावा डेंटल कॉलेज, आपात विभाग व ट्रामा सेंटर अलग हैं। ऐसे में पीजीआई हाई रिस्क पर है। लोगों की भीड़ में यहां संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूरी है। इसके बावजूद संस्थान के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ व विद्यार्थी बगैर मास्क नजर आए। ज्यादातर जगह से सैनिटाइजर भी गायब मिला।
अस्पताल में भी लोग लापरवाह
सिविल अस्पताल में भी रोजाना करीब ढाई हजार लोग पहुंचते हैं। ऐसे में काफी भीड़ रहती है। कोरोना के बढ़ते खतरे के चलते यहां भी मास्क जरूरी है। जबकि लोग अपनी सेहत से लापरवाह नजर आए। यही नहीं, बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी भीड़ बगैर मास्क दिखाई दी। लोगों की अपनी यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।
जिले में मिले 9 नए कोरोना संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मुताबिक, जिले में बुधवार को नौ कोरोना संक्रमित केस मिले। इनमें से 17 वर्षीय छात्र समेत तीन केस काहनौर से हैं। कुल संक्रमितों में से छह पुरुष व तीन महिलाएं हैं। जिले में दो मरीजों को ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई। इसके साथ ही जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या 28 पहुंच गई है। विभाग ने दिन भर में 621 लोगों के सैंपल लिए। जबकि 153 को अपनी रिपोर्ट का इंतजार रहा।
17.15 लाख लोगों को लगाई वैक्सीन
लोगों को महामारी से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग का टीकाकरण अभियान जारी है। विभाग अब तक 17 लाख 15 हजार 608 लोगों को वैक्सीन लगा चुका है। इनमें से 20616 केस 12 से 15 वर्ष तक के बच्चे व 65867 केस 15 से 17 वर्ष तक के किशोर शामिल हैं। बुधवार को 715 बूस्टर डोज भी लगाई गई। इनमें से 564 कोविशील्ड व 151 कोवैक्सीन डोज शामिल है।
महामारी का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है। संक्रमित लगातार मिल रहे हैं। इन केसों को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। महामारी से बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। वैक्सीन लगवाना भी जरूरी है। वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। स्वास्थ्य विभाग लोगों का टीकाकरण कर रहा है। कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 17 लाख 15 हजार 608 डोज लगाई जा चुकी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है। -कैप्टन मनोज कुमार, उपायुक्त।

कोरोना दबे पांव फिर आक्रामक होने लगा है। इस बार भी पीजीआई के चिकित्सकों को लक्ष्य बनाया है। यहां पिछले चार दिन में सात चिकित्सकों समेत पीजीआई के आठ कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। यही नहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के नौ संक्रमित मिले। इसके बावजूद लोग मास्क से परहेज कर रहे हैं। अमर उजाला ने बुधवार को पीजीआई, सामान्य अस्पताल, बाजार व सार्वजनिक स्थानों की स्थिति जानने के लिए दौरा किया तो यह स्थिति सामने आई। लोगों की यह लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है।

अमर उजाला की टीम ने बुधवार दोपहर 12 बजे पीजीआई की ओपीडी में पहुंची। यहां विभिन्न विभागों का दौरा किया तो चिकित्सक बगैर मास्क लगाए मरीजों की जांच करते नजर आए। डॉक्टरों के कमरों के बाहर बैठी मरीजों की भीड़ भी बिना मास्क व सामाजिक दूरी के दिखाई दी। ओपीडी के हड्डी रोग, मेडिसन विभाग, स्पेशल ओपीडी समेत विभिन्न विभागों के अलावा आपात विभाग में भी यही हाल रहा। मरीजों से अटे पड़े आपात विभाग के तीन नंबर कमरे में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। संस्थान के बाद बाद टीम सिविल अस्पताल व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पहुंची तो यहां भी यही हाल रहा।

हाई रिस्क पर है पीजीआई

पीजीआई में सात चिकित्सक और एक कर्मचारी के संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इसकी वजह रोजाना करीब छह हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें से करीब तीन हजार मरीज नए होते हैं। इसके अलावा डेंटल कॉलेज, आपात विभाग व ट्रामा सेंटर अलग हैं। ऐसे में पीजीआई हाई रिस्क पर है। लोगों की भीड़ में यहां संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूरी है। इसके बावजूद संस्थान के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ व विद्यार्थी बगैर मास्क नजर आए। ज्यादातर जगह से सैनिटाइजर भी गायब मिला।

अस्पताल में भी लोग लापरवाह

सिविल अस्पताल में भी रोजाना करीब ढाई हजार लोग पहुंचते हैं। ऐसे में काफी भीड़ रहती है। कोरोना के बढ़ते खतरे के चलते यहां भी मास्क जरूरी है। जबकि लोग अपनी सेहत से लापरवाह नजर आए। यही नहीं, बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी भीड़ बगैर मास्क दिखाई दी। लोगों की अपनी यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।

जिले में मिले 9 नए कोरोना संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मुताबिक, जिले में बुधवार को नौ कोरोना संक्रमित केस मिले। इनमें से 17 वर्षीय छात्र समेत तीन केस काहनौर से हैं। कुल संक्रमितों में से छह पुरुष व तीन महिलाएं हैं। जिले में दो मरीजों को ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई। इसके साथ ही जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या 28 पहुंच गई है। विभाग ने दिन भर में 621 लोगों के सैंपल लिए। जबकि 153 को अपनी रिपोर्ट का इंतजार रहा।

17.15 लाख लोगों को लगाई वैक्सीन

लोगों को महामारी से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग का टीकाकरण अभियान जारी है। विभाग अब तक 17 लाख 15 हजार 608 लोगों को वैक्सीन लगा चुका है। इनमें से 20616 केस 12 से 15 वर्ष तक के बच्चे व 65867 केस 15 से 17 वर्ष तक के किशोर शामिल हैं। बुधवार को 715 बूस्टर डोज भी लगाई गई। इनमें से 564 कोविशील्ड व 151 कोवैक्सीन डोज शामिल है।

महामारी का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है। संक्रमित लगातार मिल रहे हैं। इन केसों को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। महामारी से बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। वैक्सीन लगवाना भी जरूरी है। वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। स्वास्थ्य विभाग लोगों का टीकाकरण कर रहा है। कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 17 लाख 15 हजार 608 डोज लगाई जा चुकी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है। -कैप्टन मनोज कुमार, उपायुक्त।

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