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कॉग्निजेंट के सैलरी पैकेज की जमकर उड़ रही खिल्ली, लोग बोले- नौकरी करने से अच्छा बैठकर रील बनाओ Business News & Hub

कॉग्निजेंट के सैलरी पैकेज की जमकर उड़ रही खिल्ली, लोग बोले- नौकरी करने से अच्छा बैठकर रील बनाओ Business News & Hub

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IT Jobs: आईटी सेक्टर लगभग एक साल से आर्थिक सुस्ती की चपेट में हैं. इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेज उभार ने भी कर्मचारियों की स्थिति खराब की हुई है. लाखों की संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका है. साथ ही कई कंपनियों ने इस साल कैंपस प्लेसमेंट भी नहीं किए हैं. ऑफ कैंपस नौकरियों की हालत भी पतली ही है. दिग्गज कंपनियां फ्रेशर्स को ऐसे जॉब ऑफर दे रही हैं, जिनको लेकर जमकर मजाक उड़ रहा है. कॉग्निजेंट (Cognizant) के एक ऐसे ही ऑफर की इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर खिल्ली उड़ रही है. कंपनी ने फ्रेशर को 2.5 लाख सालाना सैलरी ऑफर की है. 

सड़क किनारे ठेला लगाए लोगों की कमाई भी ज्यादा 

लोगों का कहना है कि साल 2002 में भी लोगों को इतना ही पैसा दिया जा रहा था. अब 22 साल बाद भी कंपनी उम्मीद कर रही है कि इतने पैसे में काम करने के लिए लोग मिल जाएंगे. मेट्रो शहरों में कॉस्ट ऑफ लिविंग और इस सैलरी के बीच कोई तालमेल ही नहीं है. एक यूजर ने कॉग्निजेंट को ट्रोल करते हुए लिखा है कि यही वजह है कि युवा इन दिनों रील बनाकर और यूट्यूबर बनकर खुश है. लोग ट्यूशन पढ़ाकर भी इससे ज्यादा कमा ले रहे हैं. घरों में काम करने वाली मेड भी ऐसे इंजीनियर से ज्यादा ही कमा रही है. सड़क किनारे ठेला लगाए लोगों की कमाई भी ज्यादा है. 

चाय-मैगी और उम्मीद के सहारे रहना होगा जिंदा 

सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा है कि जब मैंने अपने छोटे भाई को मोबाइल पर समय बिताने से मना किया तो उसने कहा कि लोग रील बनाकर करोड़ों कमा रहे हैं. महंगी कारें और घर खरीद रहे हैं. तुम जाओ और अपनी पढ़ाई करके नौकरी कर लो. एक यूजर ने मजाकिया लहजे में लिखा कि 2.5 लाख रुपये सालाना सैलरी बहुत ज्यादा है. इतने सारे पैसों का एक इंजीनियर क्या करेगा. हाथ में पीएफ कटने के बाद 18 से 19 हजार रुपये आएंगे. इससे आप किराया चुकाने के बाद मैगी के कुछ पैकेट खरीद सकते हैं. शायद कॉग्निजेंट कोई रिसर्च कर रही हो, जिसमें पता लगाया जा रहा हो कि लोग चाय और उम्मीद के सहारे जिंदा रह सकते हैं या नहीं.

कर्मचारियों से सैकड़ों गुना कमा रहे सीईओ 

आईटी सेक्टर में सीईओ जैसे वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच का सैलरी गैप लगातार बढ़ता जा रहा है. इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल जैसी कंपनियों के सीइओ देश में सबसे ज्यादा कमाने वाले टॉप मैनेजमेंट के लोगों की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर चुके हैं. दूसरी तरफ कॉस्ट कटिंग के नाम पर हजारों लोगों की छंटनी भी जारी है. इंफोसिस (Infosys) सीईओ सलिल पारेख की सैलरी कर्मचारियों से 700 गुना, एचसीएल सीईओ सी विजयकुमार (C Vijayakumar) की 700 गुना, विप्रो (Wipro) के पूर्व सीईओ थियरी डेलपोर्ट की 1700 गुना और एक्सेंचर (Accenture) में 633 गुना है. नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने भी कहा था कि एक सीईओ की सैलरी कर्मचारियों से 40 गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

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