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कर्मचंद के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते हुए विलाप करतीं महिलाएं।
हरियाणा में कैथल के रहने वाले कर्मचंद (22) की रूस में मौत हो गई। शनिवार को उसका शव पैतृक गांव जनेदपुर पहुंचा। यहां परिवार के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया।
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परिवार का कहना है कि कर्मचंद इसी साल जुलाई में रूस गया था। वह जर्मनी जाना चाहता था, लेकिन एजेंट ने धोखे से रूस भेजकर सेना में भर्ती करा दिया। यहां ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई।
डेढ़ महीने बाद उसका शव गांव पहुंचा। परिवार की मांग है कि उनकी आर्थिक मदद की जाए और कर्मचंद की छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाए।
कर्मचंद की रूस सेना की ड्रेस में फाइल फोटो। वह इसी साल जुलाई में रूस गया था।
परिवार की कर्मचंद की मौत पर 3 बातें…
6 सितंबर को ब्लास्ट में मौत हुई कर्मचंद की मौसी सुखवंत कौर ने बताया कि कर्मचंद 7 जुलाई को बिट्टू कागंथली नामक एजेंट के माध्यम से विदेश गया था। जर्मनी भेजने के लिए एजेंट को 8 लाख रुपए दिए गए थे, लेकिन उसने कर्मचंद को धोखे से रूस भेज दिया, जहाँ उसे सेना में भर्ती करा दिया गया। कर्मचंद को जबरदस्ती युद्ध में भेजा जा रहा था, और 6 सितंबर को हुए एक ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई।
19 सितंबर को मौत की सूचना मिली मौसी ने आगे बताया कि 19 सितंबर को परिवार को कर्मचंद की मौत की सूचना मिली। कर्मचंद के चचेरे भाई ने टेलीग्राम के माध्यम से परिवार को यह संदेश भेजा। इसके बाद परिवार ने स्थानीय प्रशासन और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया। लगभग एक महीने बाद, शुक्रवार रात को कर्मचंद का शव गांव पहुँचा।
पंचायत का मेंबर था कर्मचंद, सेना में जाने का सपना सुखवंत कौर ने बताया कि कर्मचंद गांव में पंचायत का मेंबर था और खेती करता था। उसका सपना भारतीय सेना में भर्ती होने का था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। इसके बाद, उसने विदेश जाकर परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देखा था।

कर्मचंद के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते परिवार और रिश्तेदार।
2 बहनों का इकलौता भाई था कर्मचंद के परिवार में पिता देशराज और मां सुनीत हैं। वह 2 बहनों का इकलौता भाई था। उसकी एक बहन की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी अभी पढ़ाई कर रही है। परिवार की मांग है कि कर्मचंद के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए, उसकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाए, और एजेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
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कैथल के युवक की रूस में ब्लास्ट में मौत: जर्मनी जाना चाहता था, एजेंट ने धोखे से भेजकर सेना में भर्ती कराया; डेढ़ महीने बाद आया शव – Kaithal News