in

केरल में साउथ कोरिया जैसे हालात, लगातार गिर रहा है बर्थ रेट- जान लीजिए क्या है कारण Health Updates

केरल में साउथ कोरिया जैसे हालात, लगातार गिर रहा है बर्थ रेट- जान लीजिए क्या है कारण Health Updates
#

[ad_1]

दक्षिण कोरिया(South Korea), जापान और कई यूरोपीय देशों की तेज़ी से घटती आबादी महत्वपूर्ण सामाजिक चुनौतियां पैदा कर रही है. आने वाले समय में इन देशों को गंभीर जनसंख्या की कमी के कारण कई सारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है.चिंता की बात यह है कि अब भारत में भी इसी तरह के पैटर्न सामने आ रहे हैं. भारत के कुछ विकसित राज्यों में स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है.

उदाहरण के लिए देखें तो इन दिनों केरल का हाल कुछ ऐसा ही है. जिसे अक्सर ‘भारत का यूरोप’ कहा जाता है. देश की सबसे अच्छी स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ उच्च रोजगार दर और प्रति व्यक्ति आय का दावा करता है.लगभग हर पैमाने पर यह एक विकसित राज्य के मानदंडों को पूरा करता है. वहीं केरल में समय के साथ प्रजनन दर में भारी गिरावट आई है. लगातार यहां की जनसंख्या कम होती जा रही है.

साल 2024 तक इतनी थी केरला की जनसंख्या

साल 2024 तक इस राज्य की अनुमानित जनसंख्या 3.6 करोड़ हैं वहीं 1991 में जनसंख्या 2.90 करोड़ थी. पिछले 35 सालों में इस राज्य की जनसंख्या में केवल 70 लाख की वृद्धि हुई है. 2011 की जनगणना के अनुसार, उस समय इस राज्य की जनसंख्या 3.34 करोड़ थी. इस राज्य ने स्थिर जनसंख्या का लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया है.

केरल की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है

केरल में महामारी के बाद की जनसंख्या चिंता का विषय बना हुआ है. ‘द हिंदू’ की एक टॉयलेट रिपोर्ट के मुताबिक बर्थ रेट 400,000 से नीचे आया है. यह गिरावट 2018 के बाद से तेजी से आई है. साल 2021 में जारी आधिकारिक आंकड़ों में सबसे पहले कमी का संकेत दिया गया है. जिसमें 419,767 जन्म दर्ज हैं. 2023 के आंकड़े जो जल्द ही पब्लिश होने वाले हैं.

जनसंख्या वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान जनसंख्या स्तर को बनाए रखने के लिए 2.1 की प्रजनन दर की आवश्यकता है. इसका मतलब है कि हर महिला को कम से कम 2.1 बच्चों को जन्म देना चाहिए. केरल ने 1987-88 में यह लक्ष्य हासिल कर लिया था. केरल में लगभग 100 प्रतिशत जन्म अस्पतालों में होते हैं. राज्य में एक अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली है. जिसमें शिशु मृत्यु दर यूरोपीय देशों के बराबर है. केरल की शिशु मृत्यु दर प्रति हज़ार जन्म पर मात्र छह है. जो राष्ट्रीय औसत 30 से काफी कम है, कई विशेषज्ञों और डॉक्टरों के अनुसार केरल की जनसंख्या पिछले तीन दशकों से स्थिर है. हालांकि, पैदा होने वाले बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय कमी चिंता का विषय है.

यह भी पढ़ें : नींद के लिए खा रहे हैं गोलियां, तुरंत छोड़ दें वरना किडनी-लिवर से हाथ धो बैठेंगे

बर्थ रेट कम होने के पीछे का कारण

2023 के डेटा से पता चलता है कि यह और भी कम होकर 1.35 प्रतिशत हो जाएगी. इससे पता चलता है कि केरल में ज़्यादातर दंपत्तियों के पास सिर्फ़ एक बच्चा है. और बड़ी संख्या में लोग निःसंतान हैं. अगर यह ऐसे ही जारी रही तो आने वाले सालों में केरल की आबादी में कमी आने लगेगी.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

[ad_2]
केरल में साउथ कोरिया जैसे हालात, लगातार गिर रहा है बर्थ रेट- जान लीजिए क्या है कारण

Delhi Election 2025: kalkaji सीट से सीएम Atishi और Alka Lamba का नामांकन | ABP SHORTS Politics & News

Delhi Election 2025: kalkaji सीट से सीएम Atishi और Alka Lamba का नामांकन | ABP SHORTS Politics & News

Delhi Election: वोटर लिस्ट वाले आरोपों पर चुनाव आयोग ने दी सफाई | ABP SHORTS Politics & News

Delhi Election: वोटर लिस्ट वाले आरोपों पर चुनाव आयोग ने दी सफाई | ABP SHORTS Politics & News