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केंद्र सरकार ने ऐसी 35 दवाइयों के निर्माण और उसकी बिक्री पर लगा दिया बैन, जानें वजह – India TV Hindi Business News & Hub

केंद्र सरकार ने ऐसी 35 दवाइयों के निर्माण और उसकी बिक्री पर लगा दिया बैन, जानें वजह – India TV Hindi Business News & Hub

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Photo:PIXABAY एफडीसी दवाएं वे हैं जिनमें एक निश्चित रेशियो में दो या ज्यादा सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) का कॉम्बिनेशन होता है।

देश के दवा विनियामक निकाय केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन यानी सीडीएससीओ ने बुधवार को  सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग्स कंट्रोलर को 35-अस्वीकृत निश्चित खुराक संयोजन दवाओं (एफडीसी दवा) के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन को तत्काल रोकने का निर्देश दिया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इन दवाओं में पेन किलर, न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स, डाइबिटीज को रोकने वाली दवा भी शामिल हैं। सीडीएससीओ ने नियमों के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। एफडीसी दवाएं वे हैं जिनमें एक निश्चित रेशियो में दो या ज्यादा सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) का कॉम्बिनेशन होता है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को गंभीर खतरा

खबर के मुताबिक, सीडीएससीओ ने यह निर्देश तब दिए हैं, जब उसने पाया कि कुछ एफ.डी.सी. दवाओं को सुरक्षा और प्रभावकारिता के पूर्व मूल्यांकन के बिना निर्माण, बिक्री और वितरण के लिए लाइसेंस दिया गया है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को गंभीर खतरा है। बीते 11 अप्रैल को भेजे गए एक पत्र में, भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ. राजीव रघुवंशी ने जनवरी 2013 में उनके कार्यालय द्वारा जारी किए गए पत्र का हवाला दिया, जिसमें डीसीजीआई से उचित अनुमोदन के बिना देश में नई दवा की परिभाषा के तहत आने वाली एफडीसी दवाओं की बिक्री के लिए मैनुफैक्चरिंग लाइसेंस दिए जाने के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी।

समय-समय पर कई पत्र जारी किए गए

संबंधित राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों को समय-समय पर कई पत्र जारी किए गए हैं। साथ ही इस पर चिंता भी जताई गई है, जिन्होंने बिना अप्रूवल वाली एफडीसी की मैनुफैक्चरिंग और मार्केटिंग की अनुमति दी है। बीते फरवरी में जारी पत्र में कहा गया है कि निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ एफडीसी दवाओं को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत एनडीसीटी नियम 2019 के प्रावधान के मुताबिक लाइसेंस नहीं दिया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।

मैनुफैक्चरर को कारण बताओ नोटिस पर क्या कहा

जारी पत्र में रेखांकित किया गया है कि ऐसे अस्वीकृत एफडीसी की स्वीकृति रोगी सुरक्षा से समझौता करती है और वैज्ञानिक सत्यापन के अभाव के चलते प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया, दवा परस्पर क्रिया और दूसरी स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा कर सकती है। मैनुफैक्चरर को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर, उन्होंने कहा है कि ये लाइसेंस संबंधित दवा लाइसेंसिंग प्राधिकरणों द्वारा दिए गए थे और उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। पत्र में बताया गया है कि इसके परिणामस्वरूप देश भर में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत एनडीसीटी नियम 2019 के प्रावधान का एक समान प्रवर्तन नहीं हो पाया है।

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