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केंद्र और किसानों की मीटिंग बेनतीजा: अब 22 फरवरी को चंडीगढ़ में छठी वार्ता; कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे – Chandigarh News Chandigarh News Updates

केंद्र और किसानों की मीटिंग बेनतीजा:  अब 22 फरवरी को चंडीगढ़ में छठी वार्ता; कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे – Chandigarh News Chandigarh News Updates

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चंडीगढ़ में हुई मीटिंग की जानकारी देते किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और केएमएम के 28 किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ शुक्रवार को चंडीगढ़ में MSP समेत 11 मुद्दों पर बैठक हुई। शाम 5:11 बजे से रात 8:30 बजे तक चली बैठक बेनतीजा रही।

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किसानों ने चेताया कि केंद्र एमएसपी गारंटी की मांग को हल्के में न ले। अब 22 फरवरी को अगली बैठक केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ होगी।

किसान हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी 2024 से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

मीटिंग में जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर समेत 28 किसान नेता शामिल हुए।

अब पढ़िए मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री और किसान नेताओं ने क्या कहा…

जोशी बोले- हमने किसान नेताओं की सभी मांगें सुनीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- किसान नेताओं के साथ हमारी अच्छे माहौल में मीटिंग हुई। हमने किसान नेताओं की सभी मांगें सुनीं। हमने उन्हें किसानों के लिए बजट में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। 22 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बैठक होगी।

डल्लेवाल बोले- मीटिंग पॉजिटिव रही किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- मीटिंग पॉजिटिव रही। सरवन सिंह पंधेर ने कहा किसान संगठन केंद्र से बातचीत के जरिए मुद्दे हल करना चाहते हैं, लेकिन सरकार की अप्रोच भी कैजुअल नहीं होनी चाहिए। यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि एमएसपी लागू करने से 1 लाख करोड़ का सालाना खर्च होगा।

पंजाब के मंत्री ने कहा- हम किसानों के साथ पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ कंधा से कंधा जोड़कर खड़ी है। केंद्र किसानों की मांगों पर सहानुभूति से विचार कर इन्हें जल्द से जल्द हल करे।

एम्बुलेंस में चंडीगढ़ पहुंचे डल्लेवाल संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की तरफ से जगजीत डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के सरवन पंधेर ने प्रतिनिधिमंडल की अगुआई की। 82 दिन से खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे डल्लेवाल एम्बुलेंस में चंडीगढ़ पहुंचे थे। उन्हें स्ट्रैचर से कॉन्फ्रेंस हॉल में ले जाया गया।

खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को एम्बुलेंस में चंडीगढ़ लाया गया था।

खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को एम्बुलेंस में चंडीगढ़ लाया गया था।

केंद्र की किसानों से अब तक 5 बार वार्ता हुई शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 13 फरवरी को शुरू हुआ था। तब वे दिल्ली कूच के लिए निकले थे लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक लिया। तब से वे वहीं बैठे हैं। इसके बाद आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार की चंडीगढ़ में 5 बार मीटिंग हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ।

आंदोलन से जुड़ीं 3 अहम बातें…

1. HC ने शंभू बॉर्डर खोलने को कहा, हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया। इसके खिलाफ अंबाला के व्यापारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने के आदेश दिए। मगर, इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 10 सुनवाई कर चुका है। इस दौरान रिटायर्ड जस्टिस की अगुआई में कमेटी भी बनाई। जो किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता कर मामला निपटा सके, लेकिन किसानों का आंदोलन लगातार जारी है।

2. तीन बार दिल्ली कूच की कोशिश की केंद्र के बातचीत भी बंद करने के बाद किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला किया। मगर, हरियाणा सरकार ने ट्रैक्टर समेत दिल्ली जाने की परमिशन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद 101 किसानों के जत्थे दिल्ली रवाना किए गए। हालांकि हरियाणा पुलिस ने उन्हें भी शंभू बॉर्डर की बैरिकेडिंग पर रोक लिया। किसानों ने 6, 8 और 14 दिसंबर को दिल्ली कूच की कोशिश की लेकिन तीनों बार पुलिस ने रोक लिया। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए।

3. डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया, SC तक मामला पहुंचा इसी बीच किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने बेटे-बहू और पोते के नाम संपत्ति कर आमरण अनशन का ऐलान कर दिया। हालांकि 26 नवंबर 2024 को अनशन से पहले पंजाब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। मगर, उन्होंने वहीं अनशन शुरू कर दिया। किसानों के दबाव में 1 दिसंबर को पंजाब पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। उनका तब से ही अनशन जारी है।

इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। मगर, डल्लेवाल ने मेडिकल मदद लेने से इनकार कर दिया। कोर्ट में करीब 10 बार उनकी सेहत को लेकर सुनवाई हुई। जिसके बाद केंद्र ने 14 फरवरी को बातचीत का न्योता दे दिया। तब डल्लेवाल मेडिकल सुविधा के लिए राजी हो गए।

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डल्लेवाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

डल्लेवाल की ज्यादातर नसें ब्लॉक, पैरों में ड्रिप लगाने की कोशिश

फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की ज्यादातर नसें ब्लॉक हो गई हैं। वह 82 दिन से अनशन पर हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें ड्रिप लगाने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि उनकी नसें ही नहीं मिल रहीं। पूरी खबर पढ़ें…

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