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केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्‌टू राजस्थान से जाएंगे राज्यसभा: पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते; पंजाब में लोकसभा चुनाव हार गए थे – Amritsar News Chandigarh News Updates

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू। – फाइल फोटो

पंजाब के भाजपा नेता केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू को पार्टी ने राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। भाजपा उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है। मंगलवार को भाजपा हाईकमान की बैठक में बिट्‌टू के नाम पर मुहर लगाई गई। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन

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इसलिए, बिट्‌टू कल ही नामांकन भरेंगे। इससे पहले उनके हरियाणा से चुनाव लड़ने की भी अटकलें चल रही थीं, लेकिन वहां से भाजपा ने वहां से कांग्रेस छोड़कर आईं नेता किरण चौधरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा की ओर से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट।

भाजपा की ओर से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट।

बिट्‌टू बोले- देश की प्रगति में योगदान दूंगा
भाजपा की ओर से राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित होने के बाद बिट्‌टू ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के सम्मानित नेतृत्व के प्रति बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकित कर मुझ पर भरोसा जताया।

मैं अपने महान राष्ट्र और पार्टी को गौरवान्वित करने के लिए अथक प्रयास करने की प्रतिज्ञा करता हूं। आपके समर्थन से मैं हमारे संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को बनाए रखने का प्रयास करूंगा और हमारे देश की प्रगति और समृद्धि में योगदान दूंगा।’

लोकसभा में हार का सामना किया
लुधियाना से 2 बार सांसद रह चुके रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह के पोते और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह के बेटे हैं।

भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें लुधियाना से टिकट दिया, लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से 20 हजार 942 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी भाजपा ने पंजाब से किसी और को न चुनकर मोदी 3.0 सरकार में बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया है। इसके बाद उनका राज्यसभा में जाकर सांसद के तौर पर शपथ लेना बेहद जरूरी है।

पंजाब में 2028 से पहले कोई सीट खाली नहीं
पंजाब को छोड़कर 9 राज्यों की 12 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। पंजाब की बात करें तो यहां की 7 में से कोई भी सीट 2028 से पहले खाली नहीं होगी। ऐसे में रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा या राजस्थान की सीट के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

जबकि, राजस्थान से पूर्व भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया और अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विपक्ष नेता राजेंद्र राठौर, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव अलका गुर्जर और पूर्व सांसद सीआर चौधरी का नाम भी शामिल था।

हरियाणा में विरोध के बाद राजस्थान का रुख
राजस्थान के साथ हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वहां भी सीट खाली हो गई। अब इस सीट पर भी चुनाव हो रहे हैं। इस सीट के लिए पहले रवनीत बिट्टू का नाम सामने आया था, लेकिन विरोध बढ़ता देख भाजपा अब रवनीत बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ पंजाब भाजपा के नेता रवनीत बिट्टू।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ पंजाब भाजपा के नेता रवनीत बिट्टू।

लुधियाना से 2 बार सांसद चुने गए
रवनीत बिट्‌टू के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में युवा कांग्रेस से हुई। 2008 में वह पंजाब यूथ कांग्रेस के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने। 2009 में पार्टी ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से टिकट दी और दादा बेअंत सिंह व पिता स्वर्णजीत सिंह के किए कामों के कारण वह आसानी से चुनाव जीत गए।

पार्टी ने भी पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें होम अफेयर्स कमेटी का सदस्य बना दिया। 2014 में कांग्रेस ने बिट्‌टू की सीट बदलते हुए लुधियाना शिफ्ट किया। इसके बाद 2014 और 2019 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए थे।

2027 पर नजर, बिट्‌टू में फ्यूचर देख रही लीडरशिप
भाजपा बेशक पंजाब में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव हैं। इसकी तैयारी पार्टी ने काफी पहले शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई।

इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्‌टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं।

2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल हैं। रवनीत बिट्‌टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस के सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं।

60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाने के बाद राज्यसभा भेजते हुए पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्‌टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो भाजपा को पंजाब विरोधी बताते हैं। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है।

हरियाणा से BJP की राज्यसभा उम्मीदवार बनीं किरण चौधरी, कल नामांकन भरेंगी

हरियाणा में कांग्रेस छोड़कर BJP में आईं किरण चौधरी को पार्टी ने अपना राज्यसभा उम्मीदवार बना दिया है। मंगलवार को विधायक दल की मीटिंग में सर्वसम्मति से उनके नाम पर मुहर लगाई गई। अब किरण चौधरी कल सुबह 10 बजे राज्यसभा उप-चुनाव के लिए नामांकन भरेंगी। पूरी खबर पढ़ें…

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