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आदिकाल से ही बंदरपूंछ ग्लेशियर से निकली टोंस नदी प्राचीन सरस्वती नदी प्रणाली का हिस्सा रही है। इसी के चलते सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने उत्तराखंड सरकार से मिलकर टोंस नदी के भौगोलिक,आर्कियोलॉजिकल ,अभिलेख व सांस्कृतिक जानकारी लेने के लिए कार्य आरंभ किया है, जिसके बोर्ड के चेयरमैन व मुख्यमंत्री हरियाणा नायब सैनी ने एक पत्र उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी को लिखकर उपरोक्त जानकारी मांगी हैं। इसी के चलते ही टोंस नदी के क्षेत्र का दौरा आरंभ किया है।
सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने कहा कि देहरादून के नज़दीक डाकपथर बैराज जहां टोंस व यमुना नदी का मिलन है, से रेवेनू रिकॉर्ड से लेकर अन्य जानकारियां भी प्राप्त की जा रही है। क्योंकि कुछ भूवैज्ञानिकों, भू-आकृति वैज्ञानिकों और इतिहासकारों-खासकर उत्तर भारत में पैलियो चैनल का अध्ययन करने वालों के बीच यह विषय गहनता से चर्चित है की टोंस ही प्राचीन सरस्वती नदी है।
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कुरुक्षेत्र: हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष ने किया टोंस नदी का दौरा


