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नए दौर में तकनीकी और सामाजिक बदलावों के कारण शिक्षा व्यवस्था में बड़ी चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच का जुड़ाव कम होता जा रहा है, जिससे शिक्षक की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। इसी विषय पर कुरुक्षेत्र में वीरवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिले के कई शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और बदलते समय में शिक्षा की दिशा पर विचार रखे। सभी का मानना था कि शिक्षक का समाज से जुड़ाव और बच्चों के प्रति प्रेम ही उसका असली सम्मान लौटाएगा। शिक्षकों ने राय दी कि नए युग में शिक्षकों की गिरती विश्वसनीयता का कारण तकनीकी बदलाव, सामाजिक मूल्य संकट और शिक्षक-विद्यार्थी के बीच बढ़ती दूरी है। समाधान है कि शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक आपसी सहयोग से शिक्षा को एक संस्कारमय और सकारात्मक दिशा दें।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मिर्जापुर से शिक्षिका अनीता ने कहा कि बच्चों को गुस्से से नहीं, बल्कि प्यार और धैर्य से सही दिशा दी जा सकती है। यदि शिक्षक और अभिभावक मिलकर बच्चों से संवाद करें, उनकी बातें समझें और उन्हें अच्छे-बुरे का अंतर समझाएं तो बच्चे सकारात्मक सोच अपनाएंगे। इस तरह शिक्षक की छवि और समाज में उसका दर्जा दोनों ही बेहतर होंगे।
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कुरुक्षेत्र: शिक्षक दिवस को लेकर संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन