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धनतेरस के अवसर पर जिले के बाजारों में रौनक छाई रही। सुबह से लेकर देर रात तक खरीददारों की भीड़ दुकानों पर उमड़ती रही। धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा के बाद लोगों ने शुभ मुहूर्त में जमकर खरीदारी की।
झाड़ू, दीये, बर्तन, मिठाई, इलेक्ट्रॉनिक सामान या फिर सोना-चांदी सहित हर बाजार में चहल-पहल देखने को मिली। कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिले रहे। व्यापार मंडल के प्रधान फतेह चंद गांधी ने धनतेरस पर जिलेभर में लगभग 550 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद जताई। धनतेरस पर केवल सोना-चांदी ही नहीं, बल्कि बर्तनों, गृह सज्जा, दो पहिया-चार पहिया वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी दुकानों पर मांग रही।
दुकानदार हरमन कटारिया ने बताया कि ग्राहकों ने पित्तल, तांबा के बर्तन के साथ इंडक्शन चूल्हे, प्रेशर कुकर, स्टील सेट, एलईडी टीवी, वॉशिंग मशीन और मोबाइल फोन जैसी वस्तुओं की जमकर खरीदारी की। उपहार की दुकानों पर भी ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रहीं। गिफ्ट पैक, मिठाइयों के डिब्बे, सजावटी दीये और झूमर की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
सोना-चांदी की चमक थोड़ी फीकी, पर चांदी के सिक्कों की बढ़ी मांग
धनतेरस पर हर साल की तरह इस बार भी लोगों ने सोने-चांदी की खरीदारी को शुभ माना। हालांकि इस बार सोने और चांदी के दामों में बढ़ोतरी के चलते खरीदारों ने महंगी ज्वेलरी की बजाय छोटे आभूषण और चांदी के सिक्के खरीदने में ज्यादा रुचि दिखाई। सर्राफा बाजार एसोसिएशन के प्रधान मनोज गोयल ने बताया कि पिछले वर्ष जिलेभर में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की सोना-चांदी की खरीदारी हुई थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा घटकर करीब 60 लाख रुपये पर सिमट गया। उन्होंने कहा कि महंगाई के बावजूद लोगों में उत्साह बना रहा और खरीदारी के प्रति पारंपरिक भावना स्पष्ट रूप से झलकी।
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कुरुक्षेत्र: धनतेरस पर खूब बरसा धन, 550 करोड़ रुपये का हुआ कारोबारा