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गुरुकुल कुरुक्षेत्र के 113वें वार्षिक महोत्सव में वीरवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे, जबकि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने योग, मलखंभ, गुड सवारी, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय परंपरा की झलक पेश की।
राज्यपाल कटारिया ने कहा कि मलखंभ बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास का अद्भुत माध्यम है, जो उन्हें आत्मविश्वासी बनाता है। योग भारत की आत्मा है, और गुरुकुल जैसी संस्थाएं विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कारों से जोड़ने का कार्य कर रही हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती का शिक्षा क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है, जिन्होंने भारत में वैदिक शिक्षा की नींव रखी।
राज्यपाल ने गुरुकुल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि इतनी उपलब्धियां किसी अन्य विद्यालय के लिए प्रेरणास्रोत हैं। ऐसी शिक्षा भारत की होगी तो भारत विश्व गुरु बनेगा, जिसे हम भविष्य में देख पाएंगे।
इस अवसर पर गुरुकुल निदेशक ने वार्षिक प्रतिवेदन साझा किया और विद्यार्थियों की वर्षभर की शैक्षणिक व सांस्कृतिक उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विद्यार्थी, अभिभावक और समाज के लोग मौजूद रहे।
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कुरुक्षेत्र गुरुकुल में पहुंचे पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, बोले- गुरुकुल शिक्षा ही नहीं, संस्कार भी परोस रहा