कुरुक्षेत्र: अमर उजाला मेधावी छात्र सम्मान समारोह में सम्मान पाकर बच्चों के हौसले को मिली नई उड़ान


सम्मानित हुए कुरुक्षेत्र जिले के टॉपर्स।

सम्मानित हुए कुरुक्षेत्र जिले के टॉपर्स।
– फोटो : अमर उजाला

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कुरुक्षेत्र जिले के दसवीं, 12वीं कक्षा के मेधावी छात्र-छात्राएं रविवार को उस समय खुशी से झूम उठे जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें सम्मानित किया। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में अमर उजाला की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे, जहां उन्होंने कुरुक्षेत्र के भी आठ मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया।

समारोह में सम्मानित हुए छात्र-छात्राएं गदगद हो उठी और उन्हें खुद पर गर्व महसूस हुआ। इस मौके पर विद्यार्थियों ने कहा कि यह उनके जीवन का अहम क्षण रहा है, इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। ऐसे समारोह से अन्य छात्र-छात्राओं को भी प्रेरणा मिलती है तो वहीं सभी मेधावी बच्चों के हौसले को नई उड़ान दी है। बच्चों के साथ समारोह में पहुंचे अभिभावक भी बेहद खुश नजर आए। उन्हें भी अपने बच्चों के चेहरे पर गर्व व खुशी दिखाई दी तो वे भी गदगद हो उठे।

इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना टारगेट
प्राच्य शिक्षा निल्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल खेड़ी ब्राह्मणान की छात्रा नैंसी का कहना है कि उनका टारगेट इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना है। वह इस पेशे से बेहद प्रभावित है। अभी 11वीं कक्षा नॉन मेडिकल की पढ़ाई शुरू की है और 12वीं के बाद किसी अच्छे संस्थान में पढ़ाई कर अपने सपने को पूरा करेगी। 10वीं कक्षा में हर रोज पांच से छह घंटे तक सेल्फ स्टडी करती थी और स्कूल का काम भी कभी अगले दिन पर नहीं छोड़ा। शिक्षकों की ओर से कराई गई मेहनत व खुद पर पूरा भरोसा था। परिवार ने भी पूरा सहयोग किया। कक्षा दसवीं- 490/500

इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना उद्देश्य
गांव बीड़ मथाना के दशमेश विद्या मंदिर की छात्रा एवं गांव छारपुरा की रहने वाली साक्षी का कहना है कि उनका उद्देश्य इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना है। स्कूली पढ़ाई के साथ जेईई मेंस की तैयारी शुरू कर दी है। दसवीं कक्षा में यह मुकाम खुद की तैयारी से पाया है। किसी प्रकार की कोचिंग नहीं ली। अध्यापकों ने सही राह दिखाई तो कड़ी मेहनत करनी भी सिखाई। उनके दिए प्रोत्साह व कराई गई पढ़ाई की बदौलत ही वे जिला टॉपर में दूसरे स्थान पर पहुंच पाई। परिवार ने भी पूरा सहयोग दिया। कक्षा दसवीं- 492/500

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अभी कोई टारगेट नहीं किया तय
बाबा मान सिंह ज्ञानदीप विद्यालय पिहोवा की छात्रा व गांव सरस्वती खेड़ा की रहने वाली रिया ने बताती है कि अभी उन्होंने कोई टारगेट तो नहीं तय किया, लेकिन 11वीं कक्षा की पढ़ाई अवश्य शुरू कर दी है। उनका रुझान सिविल सेवा करने का ही है। खुद ही पढ़ाई कर दसवीं कक्षा में सफलता हासिल कर पाई है। शिक्षकों ने  हर संभव प्रयास किया तो परिजनों ने भी उन्हें मौका दिया।  किसी विद्यार्थी को बाहर कोचिंग लेने की जरूरत नहीं है। अपने स्कूल व खुद की पढ़ाई से भी सफलता हासिल की जा सकती है। कक्षा दसवीं-492/500 

बैंक मैनेजर बनना ही लक्ष्य  
गीता गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा मसीता हाउस कालोनी की रहने वाली दीपिका का कहना है कि उनका लक्ष्य बैंक मैनेजर बनना है, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल केयू में कॉमर्स की पढ़ाई कर रही हूं। सेल्फ स्टडी कड़ी मेहनत के साथ की तो परिजनों ने भी भरपूर सहयोग दिया। अपनी मेहनत व शिक्षकों की ओर से कराई गई पढ़ाई पर पूरा भरोसा था और यहीं कारण था कि बीमारी के चलते दो माह स्कूल भी नहीं जा पाई, लेकिन अपनी पढ़ाई पर असर नहीं पड़ने दिया। कक्षा 12वीं– 486/500

सीए बनकर चमकाना है कॅरिअर
नंद कालोनी पिहोवा निवासी बाबा श्रवण नाथ सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा साक्षी बताती हैं कि वह सीए बनकर ही अपना कॅरिअर चमकाना चाहती है। कभी भी अपने काम को पूरा किए बिना आराम नहीं किया। कोचिंग भी नहीं लेनी पड़ी और खुद अपने स्तर पर पढ़ाई करते हुए यू-टयूब का भी सहारा लिया। स्कूल के शिक्षकों ने भी हरसंभव मदद की, लेकिन उन्हें पूरा यकीन है कि शिक्षकों द्वारा कराई गई पढ़ाई को ध्यान से किया जाए और खुद कड़ी मेहनत करें तो कामयाबी अवश्य मिल जाती है। कक्षा 12वीं—496/500

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सिविल सेवा के लिए शुरू की तैयारी
गांव मलिकपुर की रहने वाली छात्रा सिमरन समारोह में उमर उजाला की ओर से मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान पाकर खुशी से झूम उठी। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उनके हौसले बढ़ते हैं तो दूसरे बच्चे भी प्रेरणा लेते हैं। वे आइलेटस कर रही है, लेकिन उनका सपना सिविल सेवा कर लोगों की भलाई करना है। उन्होंने इसके लिए तैयारी भी अभी से शुरू कर दी है, जिसके चलते बीए कर रही है। उन्होंने अपने माता-पिता व स्कूल के अध्यापकों को अपनी सफलता का श्रेय दिया है। 12वीं 489/500

मेहनत से मिलती है कामयाबी
शिव मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल तलहेड़ी की छात्रा मनप्रीत कौर  सम्मान पाकर खुशी से झूम उठी। उन्होंने बताया कि उन्हें पहली बार ऐसा सम्मान मिला है। उनका टारगेट सिविल सर्विस करने का है, जिसके लिए वे अभी से तैयारी में भी जुट गई है।  उन्होंने अपनी इस सफलता के पीछे अपने शिक्षकों द्वारा कराई गई पढ़ाई व खुद की मेहनत को माना है। उनका कहना है कि अपने शिक्षकों पर भरोसा रखना चाहिए और उनके द्वारा बताई हर लाइन को गंभीरता से समझते हुए खुद भी कड़ी मेहनत करनी चाहिए। कामयाबी अवश्य ही मिलती है। कक्षा 12वीं- 489/500 

चार्टेड अकाउंटेंट की तैयारी शुरू की
गांव बिहोली के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र रहे सेक्टर आठ में रहने वाले अगसत्या का कहना है कि अपनी मेहनत व शिक्षकों के दिखाए रास्ते पर भरोसा करें तो सफलता अवश्य ही मिल जाती है। उनका सपना है कि चार्टेड अकाउंटेंट बने, इसके लिए उन्होंने अपभी से तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि कभी ट्यूशन नहीं लगाई। पहले स्कूल में और बाद में हर रोज सात से आठ घंटे घर पर पढ़ाई करता था। उन्होंने अपनी सफलता में अपने शिक्षकों व स्वजनों को श्रेय दिया।  कक्षा 12वीं-487/500

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कुरुक्षेत्र जिले के दसवीं, 12वीं कक्षा के मेधावी छात्र-छात्राएं रविवार को उस समय खुशी से झूम उठे जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें सम्मानित किया। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में अमर उजाला की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे, जहां उन्होंने कुरुक्षेत्र के भी आठ मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया।

समारोह में सम्मानित हुए छात्र-छात्राएं गदगद हो उठी और उन्हें खुद पर गर्व महसूस हुआ। इस मौके पर विद्यार्थियों ने कहा कि यह उनके जीवन का अहम क्षण रहा है, इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। ऐसे समारोह से अन्य छात्र-छात्राओं को भी प्रेरणा मिलती है तो वहीं सभी मेधावी बच्चों के हौसले को नई उड़ान दी है। बच्चों के साथ समारोह में पहुंचे अभिभावक भी बेहद खुश नजर आए। उन्हें भी अपने बच्चों के चेहरे पर गर्व व खुशी दिखाई दी तो वे भी गदगद हो उठे।

इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना टारगेट

प्राच्य शिक्षा निल्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल खेड़ी ब्राह्मणान की छात्रा नैंसी का कहना है कि उनका टारगेट इंजीनियरिंग में कॅरिअर बनाना है। वह इस पेशे से बेहद प्रभावित है। अभी 11वीं कक्षा नॉन मेडिकल की पढ़ाई शुरू की है और 12वीं के बाद किसी अच्छे संस्थान में पढ़ाई कर अपने सपने को पूरा करेगी। 10वीं कक्षा में हर रोज पांच से छह घंटे तक सेल्फ स्टडी करती थी और स्कूल का काम भी कभी अगले दिन पर नहीं छोड़ा। शिक्षकों की ओर से कराई गई मेहनत व खुद पर पूरा भरोसा था। परिवार ने भी पूरा सहयोग किया। कक्षा दसवीं- 490/500

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